पंजाब के लुधियाना में ट्रक-इनोवा की टक्कर में दुल्हन की मां को मौत से चंद मिनट पहले तक भी बेटी की चिंता थी। एक्सीडेंट से 3 मिनट पहले ही उसने समधन को फोन किया था कि बेटी के हाथ में काला धागा बांधा है, ताकि किसी की नजर न लगे। उसे 5 रुपए के सिक्के के साथ सतलुज में बहा देना। जवाब में समधन ने कहा कि आपके कहने से पहले ऐसा कर दिया। फिर खबर आई कि एक्सीडेंट हो गया और दुल्हन के माता-पिता की मौत हो गई। उसी वक्त जालंधर जा रही डोली वाली कार तुरंत वापस लुधियाना मुड़ गई। दुल्हन के मामा ने अब इसका खुलासा किया है। बता दें कि लुधियाना में 3 दिन पहले बेटी की विदाई कर लौट रहे सरहिंद के बाइक कारोबारी अशोक नंदा व उनकी पत्नी किरन नंदा और दुल्हन की नानी रेनू अरोड़ा की इनोवा आगे चल रहे ट्रक के अचानक ब्रेक लगाने से उसके पीछे घुस गई। उनके पीछे दुल्हन परिवार की और भी गाड़ियां जा रहीं थी। जिन्होंने उन्हें तुरंत निकालकर अस्पताल पहुंचाया लेकिन तीनों की मौत हो गई। दुल्हन की विदाई का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वह डोली वाली कार में बैठने से पहले दौड़कर पिता के गले लगती है। 7.25 पर मां ने फोन किया, 7.28 पर कॉल आई- एक्सीडेंट हो गया
दुल्हन के मामा नरेश अरोड़ा ने बताया कि सोमवार सुबह लुधियाना के मैरिज पैलेस से भांजी गजल की विदाई हुई। उसके बाद दुल्हन का परिवार भी पैलेस से गाड़ियों में सरहिंद में अपने घर रवाना हो गया। दुल्हन के माता-पिता, चाची और 2 और मेंबर इनोवा में सवार थे। इसी दौरान दुल्हन की मां किरन नंदा ने समधन को 7.25 पर कॉल कर बेटी को बांधे काले धागे के बारे में बताया। समधन ने कहा कि धागा सतलुज में बाहर वह जालंधर की तरफ निकल गए हैं। 3 ही मिनट बीते थे कि दूल्हे के मोबाइल पर कॉल आई कि दुल्हन के माता-पिता का एक्सीडेंट हो गया है। जिस वक्त एक्सीडेंट की कॉल आई, वे लाडोवाल टोल के पास सतलुज के पुल पर खड़े थे। उन्होंने सतलुज पुल के आगे जाकर फिल्लौर पुल से पहले अंडर पास से यू टर्न लिया और सीधे हादसे की जगह पर साहनेवाल पहुंचे। उसे वहां पर नहीं बताया गया कि मम्मी-पापा की मौत हो गई है। जब अस्पताल पहुंची तो पता चला कि मम्मी-पापा और नानी की डेथ हो गई। चाचा व चाची दोनों अस्पताल में दाखिल हैं। दूल्हा-दुल्हन पेशे से डॉक्टर, अस्पताल से जालंधर भेजा
मामा ने बताया कि दुल्हन गजल और दूल्हा गुरजोत दोनों पेशे से डॉक्टर हैं। गजल ने DMC से MBBS और CMC से मेडिसिन में डॉक्ट्रेट (MD) की डिग्री की है। अब वह भुवनेश्वर से डीएम कर रही हैं। वहीं गुरजोत ने CMC से MBBS और DMC से MD की है। अब वह पुणे से DM कर रहे हैं। मामा ने बताया कि एक्सीडेंट में माता-पिता की मौत का पता चलने के बाद रिश्तेदारों ने गजल और गुरजोत को कहा कि पहले वे अपने घर यानि जालंधर जाएं। वहां से उनको जबरदस्ती जालंधर भेजा। मगर, शाम तक वो फिर से एसपीएस अस्पताल पहुंच गए और वहां पर अपनी चाची व चाचा से मिले। पग फेरों की तैयारियों की बात के लिए एक कार में बैठे
मामा नरेश अरोड़ा ने बताया कि उनके जीजा अशोक नंदा, जीजा के छोटे भाई मोहन कुमार नंदा, उनकी बहन किरन नंदा, चाची रेनू बाला और बहन की देवरानी शर्मीली नंदा एक ही कार में बैठे। उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर को बेटी-दामाद ने पग फेरों के लिए आना था। घर के सभी बड़े इसलिए एक ही कार में बैठ गए ताकि रास्ते में पग फेरों की तैयारी की बात कर सकें। कैसे हुआ एक्सीडेंट, मामा नरेश अरोड़ा की जुबानी…
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