काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मंगलवार की आधी रात हुए बवाल के 20 घंटे बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे घटना की जानकारी दी। जिसमें बताया गया कि कैंपस के सुन्दरबगिया गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी को पोस्ट ऑफिस चौराहे के पास मारपीट की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही सुरक्षाधिकारी मौके पर पहुँचे, जहाँ पूर्व छात्र अंकित पाल (एमए हिन्दी 2023–25) और 2–3 अन्य छात्र बाहरी युवक अंकित सिंह से मारपीट कर रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने बीच-बचाव कर बाहरी युवक को कार्यालय लाया। लेकिन कुछ ही समय बाद अंकित पाल समेत 7–8 छात्र कार्यालय पहुँच गए और सुरक्षाकर्मियों से बहसबाजी तथा मारपीट करने लगे। इसी दौरान सुरक्षाधिकारी कार्यालय का शीशा भी तोड़ दिया गया। सुरक्षा टीम ने अंकित पाल, छात्र मोहित कुमार और बाहरी युवक अंकित सिंह को पकड़कर बैठा लिया, जबकि अन्य छात्र भाग निकले। ऐसा विश्वविद्यालय द्वारा जारी बयान पत्र में बताया गया है। 50–60 छात्रों की भीड़ का हमला, पोस्टर फाड़े, बैरिकेडिंग गिराई विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि काफी देर बाद अचानक बिरला छात्रावास के 50–60 छात्र सड़कों पर आ गए। जिन्होंने काशी तमिल संगमम के पोस्टर फाड़ दिए कुलपति आवास के सामने लगे बैरिकेड गिरा दिए मुख्य आरक्षाधिकारी कार्यालय के बाहर पहुंचकर गाली-गलौज और पत्थरबाजी शुरू कर दी। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ छात्रों ने बोतल में आग लगाकर कार्यालय पर खड़ी बस पर फेंक दिया, हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आग बुझा दी। अब जानिए छात्रों ने क्या बताया छात्रों ने बताया कि हमारे कुछ स्टूडेंट शिकायत लेकर गए थे लेकिन प्राक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों ने हम लोगों के साथ गाली-गलौज किया इसलिए मामला और उग्र हो गया उन्होंने बताया कि एक छात्र वहां से गुजर रहा था उसको भी बड़ी बेरहमी से मारा गया। जिसका उस पूरे विवाद से कोई नाता नहीं था। एक लड़के ने बताया कि हम एक बहरी लड़के का कंप्लेन करने के लिए गए थे। क्योंकि वही लड़का कैंपस में एक्सीडेंट किया था। हम लोग बात ही कर रहे थे कि अचानक सुरक्षाकर्मी मारपीट करना शुरू कर दिए आप सीसीटीवी देख सकते हैं। छात्रों ने कहा कि इस पूरे मामले में भले ही दोषी छात्र पर कार्रवाई की गई है लेकिन जो निर्दोष छात्रों को मारा गया है उसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
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