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गोरखपुर अंबुज हत्याकांड का पर्दाफाश:तीन दोस्तों ने रची साजिश, हत्या का राज छिपाने के लिए न्यूड कर काटी थी गर्दन

गोरखपुर के तिवारीपुर थाने की पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर सूर्यकुंड कालोनी निवासी अंबुज मणि त्रिपाठी उर्फ रीशू (20) हत्याकांड का बुधवार को पर्दाफाश कर दिया। दोनों आरोपियों आयुष और सदरे आलम ने पूछताछ में स्वीकार किया कि अंबुज की हत्या की साजिश उन्होंने अपने दोस्त अहद उर्फ बिट्टू अहमद खान से मिलकर रची थी। हत्या में तीनों ने भूमिका निभाई और बाद में राज छिपाने के लिए गर्दन काटकर शव को महराजगंज ठिकाने लगाया। गर्दन काटने से पहले अंबुज के कपड़े भी उतार दिए थे। पुलिस अब तीसरे आरोपी बिट्टू की तलाश में दबिश दे रही है।
पुलिस के अनुसार, घटना की रात अंबुज अपने दोस्तों बिट्टू, आयुष और सदरे आलम के साथ था। रुपये के लेन-देन और कुछ समय से चल रहे विवाद को लेकर चारों में कहासुनी हो गई। बयान के मुताबिक सबसे पहले बिट्टू उर्फ अहमद खान ने बेसबॉल से अंबुज के सिर पर वार किया। जैसे ही अंबुज गिरा, आयुष ने उसके गले पर धारदार हथियार से वार कर दिया। पोस्टमार्टम में भी सिर में भारी वार व गले पर गहरे कट की पुष्टि हुई है। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों आयुष और सदरे आलम ने कबूल किया कि हत्या के बाद तीनों घबरा गए थे। तब सदरे आलम ने अपनी कार से अंबुज के शव को महाराजगंज में ठिकाने लगाया था। पुलिस का दावा है कि शव को दूसरे स्थान पर ले जाकर मामला दबाने की योजना थी। पुलिस ने जांच तेज की और सीसीटीवी, कॉल डिटेल व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आयुष और सदरे आलम को दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने पूरी साजिश और हत्या की कहानी कबूल कर ली। तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही पुलिस पुलिस ने जब आयुष को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपने साथी सदरे आलम के साथ शव को महाराजगंज से बरामद करा दिया। हालांकि एक आरोपी बिट्टू उर्फ अहमद खान फरार है और उसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं। बिट्टू के आपराधिक इतिहास और उसके गैंग के नेटवर्क के संबंध में भी गहराई से जांच चल रही है। पुलिस का कहना है कि वह जल्द गिरफ्त में होगा।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि तीन आरोपियों ने लेन देने के विवाद के बाद अंबुज की हत्या की थी। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं एक आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।
आरोपी का कबूलनामा ‘अंबुज ने मुझे एक अवैध पिस्टल 40 हजार रुपए में दी थी। वह खराब थी। मैंने पैसे मांगे तो विवाद हो गया। दोस्तों के साथ मिलकर बेसबॉल और डंडे से पीटकर अधमरा कर दिया। फिर उसे कार में डाल लिया। मैंने गला दबा कर मार डाला। फिर कार के अंदर ही कुल्हाड़ी से अंबुज की गर्दन काटकर अलग कर दी। उसकी पहचान न हो, इसलिए न्यूड कर दिया। हाथ में बंधे रक्षा सूत्र उतार दिए। दाएं हाथ की बीच की अंगुली में अंगूठी पहने था, उसे काटकर अलग कर दिया। शव को लेकर हम लोग 50 किमी दूर महराजगंज जिला पहुंचे। श्यामदेउरवां में नहर किनारे झाड़ियों में सिर फेंका। 10 किमी. दूर अंबुज का धड़ भी फेंक दिया।’ यह कबूलनामा है अंबुज के जिगरी दोस्त आयुष सिंह का। पुलिस ने अंबुज की हत्या में उसे मुख्य आरोपी बनाया है। एक मांगलिक कार्यक्रम में उसे बुलाकर आयुष ही लेकर गया था। घर वापस नहीं लौटने पर परिजन ने पुलिस में मिसिंग कप्लेन की। पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया तो बताया कि उसने हत्या कर लाश को ठिकाने लगा दी है। हत्यारोपी आयुष की निशानदेही पर ही पुलिस ने शवों के टुकड़ों को बरामद भी किया। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। एंबुलेंस में ही पिता ने बेटे का पिंडदान किया। आयुष घर से अंबुज को लेकर गया था
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि 28 नवंबर को तिवारीपुर थाने में सूर्यविहार कालोनी के संतोष मणि त्रिपाठी ने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि 26 नवंबर को उनका बेटा अंबुज (20) घर में था। तभी एक अर्टिगा कार आई। उसमें उसका दोस्त आयुष बैठा था। जब मैंने बेटे से पूछा- कहां जा रहे हो तो उसने कहा कि एक हल्दी कार्यक्रम में जा रहा हूं। इसके बाद बेटा घर से चला गया। देर रात कॉल की तो फोन स्विच ऑफ था। अगले दिन यानी 27 नवंबर को भी जब बेटा नहीं लौटा तो सब परेशान हो गए। पत्नी और बेटी रोने लगे। मैंने रिश्तेदारों में भी फोन करके पता किया लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद वह थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अंबुज के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया। आसपास के करीब 50 से अधिक CCTV फुटेज देखे। आयुष के घर पुलिस पहुंची। आयुष ने बताया कि मैं उसे एक हल्दी कार्यक्रम में लेकर गया था। जहां मेरी अंबुज से मारपीट हुई। इसके बाद मुझे नहीं पता कि वह कहां चला गया। बयान सुनने के बाद पुलिस ने आयुष को हिरासत में ले लिया। उससे थाने लाकर पूछताछ की तो उसने सच कबूल दिया। आरोपी बोला- पहचान न हो, इसलिए शव के 2 टुकड़े किए
आयुष ने बताया कि 26 नवंबर को स्पोर्टस कॉलेज के पास हम दोनों ने शराब पी। मेरे साथ मेरे दो दोस्त भी थे। शराब पीने के दौरान मैंने अंबुज से कहा कि तुमने जो पिस्टल दी थी, वह चल नहीं रही है। इसको वापस लेकर मेरे पैसे लौटा दो। पैसों को लेकर हम दोनों में विवाद हो गया। मामला बढ़ा तो मैं कार से बेसबॉल और डंडे बाहर निकाल लाया। मैंने और मेरे दोस्तों ने अंबुज को पीटना शुरू कर दिया। पीट-पीटकर उसे मरणासन्न कर दिया। मैंने ही उसका गला दबा दिया। उसकी मौत हो गई। फिर मैंने दोस्तों से कुल्हाड़ी मंगवाई। उससे उसका धड़ और सिर काटकर अलग किया। पहचान न हो, उसके पूरे कपड़े उतार दिए। अंगूठी वाली उसकी अंगुली काट दी। लाश ठिकाने लगाने महराजगंज गया। एक नवंबर की रात पुलिस ने आरोपी की निशानदेही से महराजगंज से अंबुज की लाश बरामद कराई। साथ ही कुल्हाड़ी भी पुलिस बरामद की। अर्टिका कार आयुष के दोस्त की थी पुलिस ने बताया कि लाश पांच दिन पुरानी हो गई थी। अंबुज का सिर मिला तो उसकी आंखें और जीभ बाहर निकल आईं थीं। धड़ सड़ गया था। शरीर पर पीटने के नीले निशान थे। जिस अर्टिका कार से लाश महराजगंज में फेंकी गई, वह आयुष के दोस्त की थी। मंगलवार सुबह पिता संतोष और उनके रिश्तेदारों को लेकर पुलिस महराजगंज पहुंची। वहां लाश की पहचान कराकर पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा। देर शाम 6:30 बजे एंबुलेंस से शव गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के सूर्यकुंड स्थित घर लाया गया। तनावपूर्ण माहौल की वजह से घर के आसपास 4 थानों की पुलिस और PAC लगाई गई थी। एंबुलेंस में पिंडदान हुआ, मां बोली- अंबुज को घर के अंदर लाओ अंबुज की डेडबॉडी जब घर पहुंची तो मां रेखा त्रिपाठी और बहन राधा बेसुध हो गईं। परिवार के लोगों ने दोनों काे संभाला। मां बार-बार अपने बेटे का नाम बोल रही थी कि रिशू को घर के अंदर लाओ। कहकर गया था कि अभी आ रहा हूं। मैं अगर जानती कि मेरा बेटा कभी नहीं आएगा, तब उसे नहीं जाने देती। पिता चुपचाप एंबुलेंस में बैठकर बेटे का शव निहार रहे थे। पिता से एंबुलेंस के अंदर ही पिंडदान और गोदान कराया गया। करीब 15 मिनट बाद शव काे एंबुलेंस से ही राजघाट रवाना कर दिया गया। जहां सैकड़ों लोगों के बीच रोते हुए पिता ने बेटे का दाह संस्कार किया। इस दौरान चप्पे चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात रही। बता दें कि अंबुज इकलौता बेटा था। पिछले साल इंटरमीडिएट परीक्षा में फेल हो गया था। छोटी बहन राधा, 11वीं की स्टूडेंट है। पिता संतोष, बीमा एजेंट हैं जबकि मां हाउसवाइफ।


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