ताजमहल मेट्रो स्टेशन की पार्किंग पर अवैध वसूली को लेकर वहा आने वाले वाहन चालकों ने आरोप लगाया। चालकों का कहना है कि निर्धारित शुल्क 20 रुपए होने के बावजूद उनसे कई गुना अधिक रकम ली जा रही है। उनके मुताबिक, पार्किंग में प्रवेश करते ही स्टाफ चार पहिया वाहनों से 100₹ और टेंपो ट्रैवलर से 200 ₹ तक जबरन वसूली करता है। विरोध करने पर गाड़ी अंदर न लेने की चेतावनी दी जाती है, जिससे चालक और पर्यटक मजबूरी में अधिक पैसा चुकाते हैं। वाहन चालकों का कहना है कि वसूली पूरी तरह मनमानी तरीके से की जा रही है और यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। कई लोगों ने आरोप लगाया कि पार्किंग स्टाफ रसीद देने से भी साफ इनकार कर देता है। कुछ चालकों ने बताया कि जब उन्होंने शुल्क के बारे में सवाल उठाए, तो उनसे बदसलूकी की गई और पार्किंग में प्रवेश रोकने जैसी स्थिति बना दी गई। इससे यात्रियों में डर और असुविधा दोनों बढ़ गए हैं। चालकों के अनुसार, मेट्रो स्टेशन परिसर में हो रही इस अवैध वसूली की सूचना बार-बार दिए जाने के बावजूद अधिकारी पूरी तरह मौन हैं। लोगों का मानना है कि इतनी बड़ी वसूली बिना मिलीभगत के संभव नहीं, इसलिए इस पूरे तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पर्यटकों का कहना है कि ताजमहल जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थल के पास इस तरह के हालात शहर की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।वाहन चालकों का कहना है कि जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक पार्किंग माफिया बेखौफ होकर अवैध वसूली जारी रखेगा।
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