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पटना में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ माले का धरना:ठेला जब्ती पर उठाए सवाल, दिव्या गौतम बोली- अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को उखाड़े रहे

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राजधानी पटना समेत राज्य भर में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई चल रही है। इसके विरोध में आज माले और व्यवसायी महासंघ के संयुक्त आह्वान पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान “बुलडोजर नहीं पर्चा दो, रोजी-रोटी की सुरक्षा दो” के नारे के साथ हजारों दलित-गरीब, छोटे व्यवसायी और फुटपाथ दुकानदार सड़कों पर उतरे। पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर बड़े पैमाने पर धरने का आयोजन हुआ। इसके साथ ही आरा, बक्सर, गया, दरभंगा, बेगूसराय, नवादा, जहानाबाद, सिवान, अरवल, मोतिहारी सहित कई जिलों में भी प्रतिवाद मार्च निकाले गए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि वह तुरंत बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाए, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा। नेताओं ने सरकार पर बोला हमला महबूब आलम ने कहा, ‘राज्य में सरकार बनते ही “बुलडोजर राज” शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय संभालते ही सम्राट चौधरी ने गरीबों पर बुलडोजर चलवा दिया है। भाजपा यह न भूले कि बिहार का गरीब अपने अधिकारों को लेकर सजग है। माले जब तक है, उनकी लड़ाई जारी रहेगी। सरकार अविलंब बुलडोजर पर रोक लगाए और जरूरतमंद परिवारों को आवास उपलब्ध कराए।’ NDA सरकार कॉर्पोरेट और भूमाफियाओं की संरक्षक संदीप सौरभ ने कहा, चुनाव के पहले गरीबों से 10 हजार की घूस ली गई और अब बुलडोजर चलाया जा रहा है। एनडीए सरकार कॉर्पोरेट और भू-माफियाओं की “संरक्षक” बनी हुई है। भाजपा-जदयू सरकार चुनाव जीतने के अहंकार में गरीबों और महिलाओं के साथ छल कर रही है। दलित-गरीबों पर बुलडोजर चलाने का कोई “लाइसेंस” उन्हें नहीं मिला है। – शशि यादव, एमएलसी अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को उखाड़े रहे- दिव्या गौतम गोपाल रविदास ने आरोप लगाया कि, ‘मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के शिवनंदन नगर में पुराने बसे गरीब परिवारों के घर तोड़ दिए गए। 1970 के दशक से बसे परिवारों को अचानक बेदखल करना कैसा न्याय है?’ दिव्या गौतम ने कहा, पटना में अतिक्रमण के नाम पर शहरी गरीबों को व्यापक पैमाने पर उखाड़ा जा रहा है। चुनाव खत्म होते ही सत्ता पक्ष “अपने असली रंग में” आ गया है। फुटपाथ दुकानदार बोले- वेंडिंग कार्ड और PM-SVANidhi लोन का क्या मतलब? फुटपाथ दुकानदारों के नेता शहजादे आलम ने सवाल उठाया कि जब नगर निगम पहचान पत्र जारी करता है। उस आधार पर प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 10 हजार से 50 हजार रुपये तक का लोन भी दिया जाता है। फिर अतिक्रमण के नाम पर ठेला जब्त क्यों किया जाता है? जिन दुकानदारों और गरीब परिवारों पर बुलडोजर चला है, उनकी पहले वाली स्थिति बहाल की जाए या ऑप्शनल व्यवस्था दी जाए।


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