सीतापुर में यूपी बोर्ड से स्कूल की मान्यता दिलाने के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ होने के बाद शिक्षा विभाग में बड़ी कार्रवाई की गई है। भास्कर के खुफिया कैमरे पर रिश्वत की बात कबूलने वाले डीआईओएस कार्यालय के लिपिक सुभाष को ज्वाइंट डायरेक्टर बेसिक प्रदीप कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मान्यता पटल संभाल रहे सुभाष का रिश्वत चलने का वीडियो सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था। सूत्रों के मुताबिक, खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी डॉ. राजगणपति ने सीडीओ और डीआईओएस को जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन लखनऊ स्तर से हुई त्वरित कार्रवाई के चलते डीएम के निर्देश पर फिलहाल रोक लग गई है। बताया जा रहा है कि संबंधित अधिकारियों को पहले तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करनी थी, मगर उच्च स्तर से निलंबन का आदेश जारी होते ही स्थानीय स्तर की जांच ठंडे बस्ते में चली गई। 1 दिसंबर को भास्कर की टीम ने खुफिया कैमरा ऑपरेशन में सुभाष को जूनियर हाई स्कूल की मान्यता के लिए ढाई लाख रुपये “सुविधा शुल्क” चलने का रिकॉर्ड किया था। स्टिंग में सुभाष ने खुलकर स्वीकार किया था कि इस राशि में से एक लाख रुपये डीआईओएस, 50 हजार एसडीएम, तथा शेष रकम एई और जीआईसी प्रिंसिपल तक पहुंचाई जाती है। इस खुलासे ने शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की परतें उधेड़ कर रख दी थीं। डीआईओएस राजेंद्र सिंह ने बताया कि ज्वाइंट डायरेक्टर बेसिक के आदेश के अनुसार सुभाष को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है। शिक्षा विभाग में अब इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या इस पूरे नेटवर्क में शामिल अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी या मामला केवल निलंबन तक सीमित रह जाएगा।
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