उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में दिव्यांगजनों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में दिव्यांगजनों की पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं, रोजगार, सुरक्षा और सम्मान से संबंधित कई गंभीर समस्याओं को उजागर करते हुए तत्काल समाधान की मांग की गई है। ज्ञापन प्रदेश महासचिव एवं प्रवक्ता तनमय श्रीवास्तव द्वारा जारी किया गया है, जिसमें कुल 13 प्रमुख मांगें शामिल हैं। ज्ञापन में बताया गया है कि वर्ष 2022 में दिव्यांगजन पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की घोषणा की गई थी, लेकिन लाभार्थियों को अभी तक बढ़ी हुई पेंशन नहीं मिल रही है। इसके अतिरिक्त, गंभीर दिव्यांगजनों के लिए घोषित 5000 रुपये मासिक पेंशन भी अब तक लागू नहीं हो पाई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिव्यांगजनों की पेंशन में लंबे समय से अनियमितता बनी हुई है और सत्यापन के नाम पर लाभार्थियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। कांग्रेस ने UDID कार्ड जारी करने की जटिल प्रक्रिया को भी एक गंभीर समस्या बताया है। पार्टी ने मांग की है कि दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए आसान प्रक्रिया के तहत तेजी से कार्ड जारी किए जाएं। इसके साथ ही, ALIMCO द्वारा वितरित की जा रही सहायक सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की गई है। निजी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के प्रवेश में आ रही बाधाओं का भी ज्ञापन में उल्लेख किया गया है। कांग्रेस ने सरकार से आदेश जारी करने की मांग की है कि शुल्क या सत्र प्रारंभ होने के नाम पर किसी भी दिव्यांग बच्चे को प्रवेश से वंचित न किया जाए। इसके अलावा, RPwD एक्ट 2016 के प्रावधानों के तहत एक स्वतंत्र दिव्यांग आयोग के गठन की भी मांग की गई है, ताकि दिव्यांगजनों से जुड़े मामलों की प्रभावी निगरानी हो सके। सार्वजनिक स्थलों जैसे सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों, स्कूलों, थानों, बस स्टैंड और बाजारों में दिव्यांगजन-अनुकूल सुविधाओं की कमी को भी एक बड़ा मुद्दा बताया गया है। कांग्रेस ने इन सुविधाओं को जल्द उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही, चुनावों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण सीटें बढ़ाने और मतदान प्रक्रिया को दिव्यांग-अनुकूल बनाने की भी मांग की गई है।
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