पीलीभीत की सड़कों पर ओवरलोड ट्रकों का संचालन बेरोकटोक जारी है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि परिवहन विभाग इन ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है और चीनी मिलों के प्रभाव में है। जिले की प्रमुख सड़कों पर गन्ने से लदे ओवरलोड ट्रक बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं। ये ट्रक अक्सर रात के समय सड़क किनारे खड़े रहते हैं, जिससे बड़े हादसों की आशंका बनी रहती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल इन ट्रकों के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं। पीलीभीत-पूरनपुर रोड पर देर रात सैकड़ों गन्ना लदे ओवरलोड ट्रक सड़क किनारे खड़े मिले। आरोप है कि ओवरलोडिंग का यह खेल चीनी मिलों और परिवहन विभाग की कथित मिलीभगत से चल रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, विभाग की ढिलाई के कारण ये ट्रक यातायात बाधित करते हैं और विशेषकर रात में दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बनते हैं। इस संबंध में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ARTO) वीरेंद्र सिंह ने बताया कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, सड़कों पर ओवरलोड ट्रकों की निरंतर मौजूदगी और विभाग पर लग रहे मिलीभगत के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। जिले की जनता और वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग को इस समस्या पर सख्त और पारदर्शी कदम उठाने की आवश्यकता है। अधिवक्ता शिवम कश्यप ने बताया कि शहर के बीचो-बीच स्थित शुगर फैक्ट्री में ओवरलोड गन्ना आता है, जिससे सड़क हादसे होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जज्जी परिसर भी उसी सड़क पर स्थित है, ऐसे में न्यायालय जाने वाले अधिवक्ताओं को भी हादसे का खतरा बना रहता है। उन्होंने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है।
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