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यूपी की हिंदू-मुस्लिम 2 छात्राओं को ढूंढ रहे 70 पुलिसवाले:67 रेलवे स्टेशनों पर पूछताछ, लास्ट लोकेशन 1200 KM दूर

यूपी के बिजनौर जिले से दो छात्राएं 15 नवंबर से लापता हैं। एक 9वीं, दूसरी 12वीं की स्टूडेंट है। एक हिन्दू, दूसरी मुस्लिम है। दोनों घर से स्कूल के लिए निकलीं, फिर वापस नहीं लौटीं। 70 पुलिसवालों की 30 टीमें पूरे देश में उन्हें खोज रही हैं। CCTV फुटेज से पता चला है कि दोनों छात्राएं सहारनपुर से ट्रेन में बैठकर 1200 किलोमीटर दूर सूरत पहुंच गईं। सूरत के बाद लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाया। सहारनपुर (SRE) से मुंबई बांद्रा टर्मिनस (BDTS) तक कुल 67 रेलवे स्टेशनों पर पूछताछ और तलाश की गई। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के जरिए देशभर की पुलिस को दोनों छात्राओं के फोटो और डिटेल्स भेजी गई है। सोर्स बताते हैं कि दोनों छात्राओं में गहरी दोस्ती थी। संभवत: वो अपनी अलग जिंदगी बिताना चाहती हैं, इसलिए अपने–अपने घर को छोड़कर एकसाथ चली गईं। एक छात्रा की फैमिली आरोप लगा रही है कि हमारी लड़की को दूसरी मुस्लिम छात्रा ने ब्रेनवॉश किया। बिजनौर में ये मामला कानून व्यवस्था के लिए चुनौती कैसे बना हुआ है, ये समझने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। सभी पक्षों से अलग–अलग बात की। पुलिस ऑफिसर्स से इन्वेस्टिगेशन को समझा। ये रिपोर्ट पढ़िए। घर से दोनों कॉलेज के लिए निकली, न कॉलेज पहुंची न वापस घर बिजनौर जिले में शहर कोतवाली क्षेत्र के 2 गांव हैं। अलाउद्दीनपुर उर्फ जनदरपुर और झलरी। दोनों गांव आपस में करीब 13 किलोमीटर दूर हैं और बिजनौर से निकलने वाले अलग–अलग रास्तों पर पड़ते हैं। जनदरपुर की 17 वर्षीय छात्रा बिजनौर शहर के एक इंटर कॉलेज में 12वीं में पढ़ती है, जबकि झलरी गांव निवासी छात्रा उसी कॉलेज में 9वीं क्लास में है। सालभर पहले दोनों की दोस्ती कॉलेज में हुई थी। 15 नवंबर की सुबह दोनों साइकिल लेकर कॉलेज के लिए निकलीं, लेकिन न कॉलेज पहुंचीं और न वापस घर आईं। बता दें कि दोनों गांव से कॉलेज आने के रास्ते भी अलग–अलग हैं। खोजबीन शुरू हुई तो पता चला कि दोनों साथ–साथ गई हैं। 16 नवंबर को शहर कोतवाली पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए खोजबीन शुरू कर दी। दोनों छात्राएं अलग–अलग धर्म से होने और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए बिजनौर SP अभिषेक इस केस की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बिजनौर से सहारनपुर, फिर बांद्रा की ट्रेन में बैठी छात्राएं इस केस का इन्वेस्टिगेशन समझने के लिए हमने सबसे पहले SP अभिषेक से बात की। ऑफ कैमरा उन्होंने बताया– हमने करीब 70 पुलिसकर्मियों को देश के अलग–अलग राज्यों में भेजा है। अभी तक की इन्वेस्टिगेशन में ये पता चला है कि दोनों छात्राएं बिजनौर से बस में बैठकर सहारनपुर पहुंचीं। यहां से मुंबई बांद्रा टर्मिनस जाने वाली ट्रेन में बैठ गईं। सहारनपुर से मुंबई-बांद्रा टर्मिनस तक कुल 67 रेलवे स्टेशन हैं। प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर हमारी पुलिस टीमों ने CCTV फुटेज चेक किए। इससे पता चला कि वो 16 नवंबर को सूरत पहुंचकर उतर गईं। हमारी कई पुलिस टीमें सूरत में डेरा डाले हुए हैं। उन्हें होटल–रेस्टोरेंट सहित सभी जगहों पर खोजा जा रहा है। पूरे सूरत में जगह–जगह दोनों छात्राओं के मिसिंग पोस्टर लगा दिए गए हैं। हालांकि, सूरत में ट्रेन से उतरकर वे कहां गईं, ये अभी तक पता नहीं चल सका है। न मोबाइल, न सोशल मीडिया का प्रयोग SP अभिषेक ने बताया– हमने दोनों छात्राओं के आधार कार्ड पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों की डिटेल्स निकलवाई। पता चला कि जितने भी सिमकार्ड इश्यू हुए हैं, वो सभी मौजूदा वक्त में घर के अन्य फैमिली मेंबर चला रहे हैं। दोनों छात्राओं पर उनके आधार कार्ड से इश्यू कोई सिमकार्ड इस वक्त नहीं है। वो किसी और ID पर सिमकार्ड चला रही हैं या नहीं? यह कहा नहीं जा सकता। ना ही यह बात सामने ही आई है। हमें जितनी भी CCTV फुटेज मिली हैं, उसमें मोबाइल दिखाई भी नहीं दिया है। इसके अलावा सिर्फ एक छात्रा का स्नैपचेट अकाउंट है, जो उसके पिता के मोबाइल में ओपेन है। अन्य कोई सोशल मीडिया अकाउंट उनका नहीं मिला है। हमने दोनों छात्राओं के सभी फैमिली मेंबर की अकाउंट डिटेल्स भी खंगाली है। इसमें भी किसी सस्पेक्टेड ट्रांजेक्शन की पुष्टि नहीं हुई है। दोनों में गहरी दोस्ती, जिंदगी बिताने को घर से निकलीं ये प्रकरण अब बिजनौर जिले की कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है। इसमें एक छात्रा हिन्दू और दूसरी मुस्लिम है। भारतीय किसान यूनियन, शिवसेना सहित कई संगठन पुलिस–प्रशासन के दफ्तरों पर बीते दिनों प्रदर्शन कर चुके हैं। अब एक महापंचायत आयोजित करने की बात कही जा रही है। कुछ लोग इसे कम्युनल एंगल से भी देख रहे हैं। इनका मानना हैं कि मुस्लिम छात्रा को बाहर से फंडिंग हो रही होगी, इसलिए वो इतने दिन तक बाहर रहकर सर्वाइव कर पा रही है। हालांकि, बिजनौर पुलिस इन बातों को सिरे से खारिज किया है। अब तक की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में कम्युनल एंगल और फंडिंग जैसी बातों की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस मान रही है कि दोनों छात्राओं में गहरी दोस्ती थी और संभवत: एकसाथ जिंदगी गुजारने के लिए वो अपने–अपने घरों से निकली हैं। मां बोली– सहेली ने ब्रेनवॉश किया, दूसरी लड़कियों को मेरी बेटी से रखती थी दूर हमने इस पूरे प्रकरण में दोनों छात्राओं की फैमिली से बात करके उनके दर्द को भी समझा। झलरी गांव निवासी 9वीं की छात्रा की मां बताती हैं– 15 नवंबर की सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर मेरी बेटी घर से निकली। हमें यही लग रहा था कि वो स्कूल के लिए निकली है। रोजाना शाम साढ़े 4 बजे वो स्कूल से वापस आती थी। उस दिन जब वो नहीं आई तो मैंने उसकी सहेलियों से पूछा। साथ पढ़ने वाली लड़कियों ने कहा कि मां जी, आज हमें वो नहीं मिली। इसके बाद हमने खोजबीन शुरू की और पुलिस में रिपोर्ट लिखाई। मां कहती हैं– हमने अब पुलिस से उम्मीद लगा रखी है। पुलिस ने हमसे वादा किया है कि हम ढूंढकर लाएंगे, चाहें टाइम कितना भी लग जाए। बिटिया के घर में नहीं होने से सारी चीजें अस्त–व्यस्त हो गई हैं। रात को देरी से सोते हैं। खाना खाने में भी मन नहीं लग रहा। वो आगे कहती हैं– जो दूसरी छात्रा थी, वो चालाक थी। वो घर से खाने–पीने का जो कुछ सामान लाती थी, उसे मेरी बेटी को खिलाती थी। कॉलेज की दूसरी छात्राओं को वो मेरी बेटी से एकदम दूर रखती थी। अगर कोई लड़की मेरी बेटी के पास जाती थी तो उसकी दोस्त उन्हें भगा देती थी। मुझे लगता है कि उसने मेरी बेटी का ब्रेनवॉश किया है। वही उसे बहला–फुसलाकर ले गई है। मेरी बेटी एक दिन भी रिश्तेदारी में नहीं रुकती थी। आज उसे अपने घर के बिना 17 दिन हो गए हैं, वो इतना मजबूत इससे पहले कभी नहीं हुई। कॉलेज में ही 4-5 महीने पहले दोनों की दोस्ती हुई थी। दूसरी छात्रा के पिता बोले– स्कूल में हुई दोस्ती, बाकी हमारी कोई जान पहचान नहीं झलरी गांव से 13 किलोमीटर दूर जनदरपुर गांव है। 12वीं की छात्रा यहीं की रहने वाली है। उसके पिता सैलून चलाते हैं। वे बताते हैं– 15 नवंबर को मेरी बेटी पढ़ने के लिए स्कूल गई थी। स्कूल से मैडम का फोन आया कि बेटी पहुंची ही नहीं है। इसके बाद हम स्कूल गए। उसको इधर–उधर ढूंढा। छुट्टी होने का इंतजार किया, लेकिन वो घर नहीं आई। फिर हम ग्राम प्रधान के पास गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। हमने देहरादून, सहारनपुर, चंडीगढ़ में खोजबीन की। मुंबई का पता चला तो हमने चचेरे भाई को बताया। उन्होंने उसे वहां भी ढूंढा लेकिन बेटी का पता नहीं चला। मेरी बेटी की दूसरी लड़की से दोस्ती स्कूल टाइम में हुई थी। इसके अलावा उस परिवार से कोई जान–पहचान नहीं है। इनपुट सहयोगी : जहीर अहमद ——————– ये खबर भी पढ़ें… पलायन के पोस्टर…हनुमान चालीसा फिर गुरुद्वारे के बाहर मीट:मेरठ के हिंदू एरिया में मुस्लिम के मकान खरीदने पर बवाल यूपी के मेरठ में हिंदू-सिख बाहुल्य क्षेत्र में एक मुस्लिम व्यक्ति के मकान खरीदने से शुरू हुआ विवाद अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनता जा रहा है। पहले दिन स्थानीय लोगों ने पलायन के पोस्टर लहराए। दूसरे दिन हिंदू संगठनों ने पुलिस स्टेशन में हनुमान चालीसा पढ़ी। तीसरे दिन इसी मकान के बगल में गुरुद्वारे के बाहर स्कूटी सवार अज्ञात व्यक्ति मीट फेंककर चले गए। पुलिस मान रही है कि मकान विवाद और मीट फेंकने की घटना आपस में कनेक्ट है। वहीं मकान खरीदार मुस्लिम व्यक्ति कह रहा है कि कोई 1 करोड़ 46 लाख रुपए दे और मकान खरीद ले। चूंकि खरीदार ने निर्धारित प्रक्रिया से मकान खरीदा है। इसलिए पुलिस भी उससे ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं। पढ़ें पूरी खबर


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