DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

एक साल पहले सिविल सोसाइटी के सर्वे में खुलासा:राज्य में 51 लाख दिव्यांग, इनमें 11 लाख लोगों में अंधापन

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस बुधवार को है। राज्य में 21 प्रकार के दिव्यांग हैं। इसमें सबसे अधिक आंखों से दिव्यांग हैं। पूर्व राज्य आयुक्त नि:शक्तता एवं दिव्यांग विशेषज्ञ डॉ शिवाजी बताते हैं-2024 में सिविल सोसाइटी के माध्यम से सर्वे करवाया है। इसमें पता चला है कि राज्य में दिव्यांगों की संख्या 51 लाख हो गई है। इसमें 11 लाख से अधिक आंखों की दिव्यांगता वाले हैं। आईजीआईएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में मायोपिया से अंधापन की शिकायतें सबसे अधिक बढ़ी हैं। डिजिटल स्क्रीन पर अधिक समय तक समय बिताने और आंखों में चोट लगने से बच्चे अंधापन के शिकार हो रहे हैं। जबकि बुजुर्गों में सही खान-पान नहीं मिलने और शुगर की बीमारी की वजह से अंधापन बढ़ा है। संस्थान के प्रोफेसर एंड चीफ डॉ विभूति प्रसून सिन्हा बताते हैं कि एक साल में एक से सवा लाख लोग आंख की समस्या लेकर आईजीआईएमएस आए हैं। ज्यादातर मामले रेफर्ड होते हैं। यानी जिनकी आंखों की रोशनी खराब हो जाती है। इसमें डिजिटल स्क्रीन और ट्रोमा की वजह से बच्चों में देखने की समस्या आ रही है। 22% बच्चे चश्मा लगाने को मजबूर बिहार शिक्षा परियोजना की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल जाने वाले 70% बच्चे किसी न किसी नेत्र समस्या से ग्रस्त हैं। 22% बच्चों के पास चश्मा है, लेकिन कई बार गलत पावर वाला चश्मा मिलता है, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ मायोपिया ही नहीं, बल्कि दृष्टि-दोष और आंखों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी बच्चे बड़ी संख्या में झेल रहे हैं। आजकल बच्चे मोबाइल, टैबलेट, टीवी और कंप्यूटर आदि स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं। पढ़ाई-लिखाई, ऑनलाइन क्लास, गेमिंग और वीडियो निकट से देखना है। ऐसा लगातार और लंबे समय तक होने से आंख पर दबाव पड़ता है। 2025 की समीक्षा में पाया गया कि डिजिटल स्क्रीन पर हर अतिरिक्त घंटे से मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) होने का जोखिम करीब 21% बढ़ जाता है।


https://ift.tt/6zEVJfa

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *