प्रयागराज में वकीलों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लागू करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे वकीलों ने सरकार से इस कानून को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की। वकीलों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में उन पर हमलों और दुर्व्यवहार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे उनके कामकाज पर लगातार खतरा बना हुआ है। बार संघों का मानना है कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के बिना न्याय व्यवस्था भी सुरक्षित नहीं रह सकती। वकीलों ने बताया कि देश के कई राज्यों ने अधिवक्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विशेष कानून बनाए और लागू किए हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने वकीलों पर हिंसा, धमकी या उत्पीड़न को रोकने के लिए अधिनियम लागू किए हैं। इन राज्यों में कानून लागू होने के बाद वकीलों को सुरक्षा का सीधा लाभ मिला है। इसी आधार पर, उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता चाहते हैं कि राज्य में भी एक मजबूत और प्रभावी एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल जल्द लागू किया जाए। वकीलों के अनुसार, उन्हें अदालत परिसर, थानों, सार्वजनिक स्थानों और यहां तक कि केस से जुड़े पक्षकारों की ओर से भी कई बार डराने-धमकाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में, यदि सुरक्षा कानून नहीं होगा, तो अधिवक्ता न केवल जोखिम में रहेंगे, बल्कि न्याय चाहने वाले आम नागरिकों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द इस दिशा में कदम नहीं उठाती है, तो आंदोलन को पूरे राज्य में फैलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अन्य राज्यों की तरह एक ठोस प्रोटेक्शन बिल लाकर वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने नारे लगाए और सरकार को भेजने के लिए एक ज्ञापन तैयार किया। उन्होंने कहा, “हमारी मांग केवल सुरक्षा की नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की मर्यादा बनाए रखने की है। जब हम सुरक्षित होंगे, तभी हर नागरिक के न्याय का अधिकार सही मायने में सुरक्षित होगा।”
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