मुजफ्फरनगर में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत का अनोखा अंदाज देखने को मिला। उन्होंने लोगों को पुलिस का काम करने तरीका और परिभाषा समझाई। कहा- पुलिस आपको रोकेगी भी और आपका इलाज भी करेगी। कोई गलतफहमी न पालें। पुलिस की 10 गोलियों में से 9 गोली मुजरिम के पैर में लगती हैं। यह रिकॉर्ड है। एसपी सिटी ने हाल ही में एक राज्य के डीजीपी के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने एक खास कार ब्रांड का नाम लेकर कहा था कि उसमें बैठते ही लड़कों के अंदर ‘दिलेरी’ आ जाती है। उन्होंने कहा- दिलेरी खून में होती है, वह किसी बाजार से नहीं मिलती। कुछ दिन पहले कुछ लड़के वही कार में गोली चलाकर भागे थे। पुलिस ने 40-50 किलोमीटर तक पीछा किया और गाड़ी के टायर फटने के बाद ही वे रुके। यह नशा होता है कि इस गाड़ी में बैठे हैं तो पुलिस रोक नहीं पाएगी। यह गलतफहमी निकालनी ही पड़ेगी। अब पूरा मामला विस्तार से… मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित यातायात माह समापन कार्यक्रम में उन्होंने बड़ी स्क्रीन पर “डाइट तेरी क्या जो मारे खून उबला रे, पानीपत में फायर करें, गूंजे पूरा अंबाला रे…” गीत चलवाकर फिल्मों और हकीकत के अंतर को समझाने का प्रयास किया। एसपी सिटी ने कहा कि कोई भी पुलिस को हल्के में न ले। यदि आपको लगता है कि आप पुलिस को ओवरपावर कर लेंगे, तो यह गलतफहमी निकाल दें। मैं या कोई भी सिस्टम से बड़ा नहीं पुलिस एक इंस्टीट्यूशन है, जो वर्षों से व्यवस्था बनाए हुए है। आप एक चौराहे पर तेज़ गाड़ी भगाकर बच सकते हैं, लेकिन अगले चौराहे पर नहीं बच पाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह खुद हों, आम जनता हो या कोई भी, कभी भी सिस्टम से बड़ा नहीं होता है। एसपी सिटी ने कहा कि अच्छा आदमी जब अकेला होता है तो कानून का पालन करता है, लेकिन समूह में आते ही ‘फन मूड’ में आकर गलत फैसले ले लेता है। चिल करने के चक्कर में जिंदगी चली जाती है। कोई भी व्यवस्था हमारी सुरक्षा के लिए बनी है। जितना पालन करेंगे, उतना फायदा होगा। अगर नहीं करेंगे तो फिल्मों की तरह कुछ नहीं होता, हकीकत बहुत दूर होती है। उन्होंने दोहराया कि पुलिस की गोली ज्यादातर बदमाश के पैर में लगती है और कोई भी अपराधी ज्यादा दूर तक भाग नहीं पाता। पुलिस 4 गोलियां चलाती है तो 2 तो लग जाती है एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने फिल्मों और गानों में दिखाए जाने वाले पुलिस और अपराधियों के चित्रण पर तंज कसते हुए कहा- सिनेमा और म्यूजिक इंडस्ट्री हकीकत को 360 डिग्री से 180 डिग्री तक बदल देती है। फिल्मों में दिखाया जाता है कि बदमाश एक गोली चलाता है और पुलिस की गाड़ी उड़ जाती है… जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं होता। उन्होंने कहा कि पुलिस यदि चार गोलियां चलाती है तो दो तो लग ही जाती हैं, लेकिन फिल्मों में पुलिस को नालायक दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे नियम हमारी ही सुरक्षा के लिए हैं। अखबारों में रोज रिपोर्ट आती है—अगर हेलमेट लगा लेते तो इतनी मौतें रुक जातीं। लेकिन जब तक हादसा खुद पर न हो, समझ नहीं आता। अंत में उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि यातायात और अन्य सभी नियमों का पालन करें, क्योंकि इन्हीं से जीवन सुरक्षित रहता है। ———————— ये खबर भी पढ़ें… गोरखपुर में कुल्हाड़ी से युवक का गला काटा, सिर और धड़ को 50Km दूर महाराजगंज में फेंका; दोस्तों ने की वारदात गोरखपुर में लेनदेन के विवाद में युवक की हत्या कर दी गई। दोस्तों ने पहले कुल्हाड़ी से गला काटा और फिर कार से 50Km दूर महाराजगंज जिले में सिर और धड़ को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया। पुलिस ने सोमवार शाम युवक के शव को महराजगंज जिले से बरामद किया। ये खबर भी पढ़ें…
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