औरैया में बिधूना थाना क्षेत्र के ग्राम इन्दपामऊ में 11 साल पहले हर्ष फायरिंग में हुई युवती की मौत के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पारुल जैन ने दो दोषियों, दीपचन्द्र और नाजिर, को 10-10 वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि यह मामला 8 मई 2014 का है। ग्राम पुर्वा जोरन, थाना दिबियापुर निवासी तेज सिंह ने बिधूना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि इन्दपामऊ गांव में उनकी मौसी के लड़के के तिलकोत्सव में उनकी बहन ऊषा देवी (20), जो बीए की छात्रा थी, शामिल हुई थीं। रात करीब 10 बजे डीजे पर दीपचंद और उसके पड़ोसी नाजिर हवा में फायरिंग कर रहे थे। इसी दौरान छत पर खड़ी ऊषा देवी के कान के पास से गोली निकल गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई।इस घटना के संबंध में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। यह मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुना गया। मंगलवार को इस मामले में निर्णय सुनाया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंद्रभूषण तिवारी ने दोषियों को कठोर दंड देने की पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने दीपचन्द्र और नाजिर, निवासी इन्दापमऊ, को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोनों दोषियों को 10-10 वर्ष के साधारण कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही, यह भी आदेश दिया गया कि अधिरोपित अर्थदंड की आधी धनराशि मृतका के भाई और वादी तेजसिंह को अदा की जाए। फैसले के बाद दोनों दोषियों को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।
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