क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को रूसी तेल ख़रीदने पर भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे उच्च टैरिफ़ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मॉस्को इस चुनौती को समझता है, लेकिन वाशिंगटन के साथ नई दिल्ली के द्विपक्षीय मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। पेसकोव ने कहा कि हम अमेरिका और भारत के बीच राजनयिक संबंधों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। हम समझते हैं कि भारत पर दबाव है। उन्होंने कहा कि यह दबाव अब रूस के भारत के साथ साझेदारी के दृष्टिकोण को आकार देता है।
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मास्को के रुख को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा यही कारण है कि हमें संबंधों की ऐसी संरचना बनाने में सावधानी बरतनी होगी जो किसी भी तीसरे देश के प्रभाव से मुक्त हो। भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के निर्णयों पर प्रकाश डालते हुए, पेस्कोव ने कहा हम जानते हैं कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को परिभाषित करने में बहुत संप्रभु है। हम भारत की इस विशेषता की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने रूस के इस दृष्टिकोण को रेखांकित किया कि नई दिल्ली वैश्विक मामलों में रणनीतिक स्वायत्तता के साथ कार्य करती है।
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पेस्कोव की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब नई दिल्ली और मॉस्को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, जहाँ व्यापार और रणनीतिक सहयोग प्रमुख विषय होने की उम्मीद है। क्रेमलिन ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में रूसी-भारतीय संबंधों के व्यापक एजेंडे की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी। संबंधों में यह नई गति ऐसे समय में आई है जब वाशिंगटन भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात को कम करने के लिए दबाव बना रहा है। अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाया है और नई दिल्ली को रूसी तेल की खरीद में कटौती करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
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