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कुशीनगर में एक सप्ताह में 5 मासूमों की मौत:DM ने जमीन पर बैठकर पीड़ित परिवारों से बातचीत की, लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण मिले

कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक के पिपरा खुर्द स्थित दलित बस्ती में 24 घंटे के भीतर दो बच्चों की मौत ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। लगातार बुखार, सर्दी, खांसी और झटके जैसे लक्षणों के बाद पिछले एक सप्ताह में ब्लॉक में 5 बच्चों की मौत हो चुकी है। ये सभी मौतें गोरखपुर के उच्चस्तरीय अस्पतालों में इलाज के दौरान हुईं। घटनाओं के बाद स्वास्थ्य विभाग और विकास खंड की टीमें गांव में कैंप कर रही हैं। डीएम ने स्वयं गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों से जमीन पर बैठकर बातचीत की। पिपरा खुर्द में दो बच्चों की मौत पहला मामला: सागर उर्फ बादल की मौत 1 दिसंबर को पिपरा खुर्द के दलित बस्ती निवासी राजकुमार के 7 वर्षीय बेटे सागर उर्फ बादल की मौत गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हो गई।सागर के दादा के अनुसार, कुछ दिनों से उसकी तबीयत खराब थी। शुरू में गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज हुआ। तबीयत बिगड़ने पर उसे रामकोला सीएचसी ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने लापरवाही बरतते हुए बाहर की दवाइयां लिख दीं। बेहतर इलाज न मिलने पर उसे जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। वहीं उसकी मौत हो गई। दूसरा मामला: अंश की जान गई पड़ोस में रहने वाले रामानंद के करीब तीन वर्षीय बेटे अंश की भी इसी तरह तेज बुखार, खांसी और झटके जैसे लक्षणों के बाद मौत हो गई।अंश का भी पहले स्थानीय झोलाछाप डॉक्टरों ने इलाज किया, फिर उसे सीएचसी से जिला अस्पताल और वहाँ से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहाँ बीती रात उसने दम तोड़ दिया। दोनों मृतक परिवार बेहद गरीब हैं और मेहनत-मजदूरी कर गुजर-बसर करते हैं। बस्ती में स्वच्छता, जल निकासी और पेयजल की स्थिति बेहद खराब पाई गई। स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी दो मौतें सामने आते ही, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीमें गांव पहुंचीं। सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। बच्चों की विशेष जांच शुरू की गई। अब तक 110 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई।इनमें 7 बच्चों में बुखार और खांसी जैसे लक्षण पाए गए। डीएम ने गांव पहुंचकर परिवारों से की बात मामला गंभीर होते ही डीएम महेंद्र सिंह तंवर, सीडीओ, सीएमओ, डीपीआरओ समेत कई अधिकारी गांव पहुंचे। डीएम ने मृतक सागर के दादा-दादी के साथ जमीन पर बैठकर पूरी घटना सुनी और सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए कि पूरे गांव की स्क्रीनिंग की जाए। आसपास के इलाकों पर भी नजर रखी जाए। स्वच्छता और जल निकासी की व्यवस्था तुरंत सुधारी जाए। डीएम ने बताया कि ब्लॉक के ढोलहा गांव में भी तीन बच्चों की मौत के बाद जांच तेज की गई। 800 लोगों की स्क्रीनिंग में 18 बच्चों में गंभीर लक्षण मिले।सैंपल जांच में लेप्टोस्पायरोसिस (बैक्टीरियल इंफेक्शन) की पुष्टि हुई है। ढोलहा गांव में भी तीन बच्चों की मौत नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक के ढोलहा ग्राम पंचायत के गुलहरिया गांव में शुक्रवार को तीन बच्चों की मौत हुई। मृतकों में कृष गोंड (5), खुशी (3), मंजू (7) शामिल हैं। ये तीनों भी एक सप्ताह से तेज बुखार से पीड़ित थे। स्थानीय डॉक्टरों से इलाज के बाद हालत बिगड़ने पर इन्हें अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया। जहां तीनों ने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में खून के नमूने लिए हैं और दवाइयों का वितरण शुरू कर दिया है।


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