बलिया में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। सरफ़जले हुसैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोथ ग्राम सभा, बलिया के प्रबंधक सैयद शुएबूल इस्लाम ने अपने ही स्कूल के कार्यवाहक गुफरान खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गुफरान पर विद्यालय की पत्रावलियों, दस्तावेजों और विभागीय कार्यों को संभालने की जिम्मेदारी थी, लेकिन आरोप है कि उसने इसी भरोसे का फायदा उठाकर बड़ा खेल किया। प्रबंधक ने बताया कि उन्हें किसी माध्यम से पता चला कि गुफरान ने उसी जमीन, उसी भवन और लगभग हूबहू नाम से एक फर्जी विद्यालय के दस्तावेज तैयार कर लिए हैं। आरोप है कि इन फर्जी दस्तावेजों के सहारे वह भारी धन उगाही में भी जुटा था। जब प्रबंधक ने गुफरान से स्पष्टीकरण मांगा, तो वह मिलने से मुकर गया, जिससे संदेह और गहरा गया। विद्यालय परिवार को जब इस पूरे मामले का पता चला, तो वे हैरान रह गए, क्योंकि यह फर्जीवाड़ा उन्हीं के सामने, उन्हीं की फाइलों का उपयोग करके किया जा रहा था। विद्यालय का भवन लगभग 40 वर्ष पुराना है और इसकी जमीन भी 20 वर्ष पहले विधिवत संस्था के नाम दर्ज की जा चुकी है। विद्यालय को 1997 में अस्थायी और 2023 में स्थायी मान्यता भी मिली थी। इसी स्थायी मान्यता के सत्यापन के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जब दस्तावेज एकत्र करने को कहा, तब फाइल तैयार करने का काम गुफरान को सौंपा गया था। आरोप है कि यहीं से उसने फर्जीवाड़े का पूरा जाल बुनना शुरू कर दिया। प्रबंधक सैयद शुएबूल इस्लाम ने यह भी आरोप लगाया है कि गुफरान ने आजमगढ़ चिट फंड में भी स्कूल के नाम पर एक अलग संस्था बनवा ली थी। वह एक ही परिसर और एक ही जमीन पर दो संस्थाओं – एक 1983 और दूसरी 1986 की मान्यता दिखाकर – असली स्कूल को हड़पने की फिराक में था। उसने छात्रों की वास्तविक सूची को भी अपनी फर्जी फाइल में शामिल कर लिया और सेवानिवृत्त शिक्षकों की जगह नए नाम जोड़कर पूरा फर्जीवाड़ा तैयार किया। यह मामला तब सामने आया जब गुफरान कथित तौर पर उच्च न्यायालय को भी गुमराह करने का प्रयास कर रहा था। विद्यालय परिवार ने इस पूरे घोटाले की शिकायत बलिया के एसपी ओमवीर सिंह को पत्र लिखकर की है। प्रबंधक का कहना है कि गांव के लगभग एक दर्जन लोग भी इस षड्यंत्र का हिस्सा हैं।
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