सरकार से अपेक्षा है कि वह विपक्ष द्वारा जारी नोटिसों को स्वीकार करे और सदन को प्रभावी ढंग से संचालित करे. देश में चुनाव सुधार एक महत्वपूर्ण विषय है जिस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए. चुनावी प्रक्रियाओं और सुधारों को लेकर बात करना आवश्यक है, और इसे टालना उचित नहीं होगा. चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं पर चर्चा को सीमित करना सही नहीं है. चुनाव सुधार के मुद्दे पर सदन में व्यापक संवाद और सक्रिय बहस होनी चाहिए ताकि लोकतंत्र मजबूत हो और चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और सुधार आएं.
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