जालौन में हाल ही में हुई अतिवृष्टि और बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। उरई विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांवों में किसानों की रवि की फसलों मटर, मसूर, चना और गेहूं की बुआई या तो पूरी हो चुकी थी या अंतिम चरण में थी। वहीं कई इलाकों में धान की फसल कटाई के लिए तैयार थी। लेकिन अचानक हुई भारी बारिश और जलभराव के कारण किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं और धान की पकी फसल भी गिरकर सड़ने लगी है। इससे किसानों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में उरई विधानसभा के विधायक गौरी शंकर वर्मा ने उत्तर प्रदेश शासन के संयुक्त सचिव लाल बहादुर यादव से मुलाकात कर सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग करते हुए पत्र सौंपा, जिस पर संयुक्त सचिव लाल बहादुर ने कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर जालौन की उरई विधानसभा क्षेत्र के किसानों के नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की संस्तुति की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं, जिससे उनका जीविकोपार्जन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है कि राहत कार्य तत्काल प्रारंभ किए जाएं। इसके साथ ही कृषि अनुभाग-2, लखनऊ से कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा निदेशक को पत्र भेजकर निर्देश दिए गए हैं कि संलग्न पत्र में उल्लिखित तथ्यों के अनुसार तत्काल सर्वे कराया जाए और किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। शासन स्तर पर यह भी कहा गया है कि रिपोर्ट उपलब्ध होते ही प्रभावित किसानों को मुआवजे की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। बेमौसम बारिश से जिले में हजारों एकड़ फसलें चौपट हो चुकी हैं। किसान अब सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन और मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होने पर ही किसानों को कुछ राहत मिलने की संभावना है।
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