मैनपुरी के दन्नाहार थाना पुलिस ने कुख्यात डाकू छविराम गैंग के सक्रिय सदस्य भूदेव को गिरफ्तार किया है। भूदेव पर हत्या, लूट और जानलेवा हमले सहित कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। वह लंबे समय से साधु का भेष बनाकर फरार चल रहा था और न्यायालय से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। भूदेव मैनपुरी के दन्नाहार क्षेत्र के गांव रठेरा का निवासी है। वह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सक्रिय रहे कुख्यात डाकू छविराम के गिरोह का एक महत्वपूर्ण सदस्य था। 1980 के दशक में इस गिरोह का इतना खौफ था कि पुलिस भी उनसे सीधी मुठभेड़ से बचती थी। वर्ष 1982 में एक पुलिस मुठभेड़ में छविराम की मौत के बाद गिरोह बिखर गया था। हालांकि, भूदेव पर दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों के कारण वह लगातार पुलिस की निगरानी में रहा। लंबे समय से अदालत में पेश न होने के कारण उसकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे, जिसके बाद दन्नाहार पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि भूदेव नगला कोडर में साधु के वेश में छिपा हुआ है। प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र पाल सिंह ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। भूदेव ने अपनी पहचान छिपाने के लिए दाढ़ी बढ़ा रखी थी और भगवा वस्त्र पहन रखे थे, लेकिन मुखबिर की सटीक सूचना के कारण उसकी पहचान उजागर हो गई। छविराम गैंग का इतिहास भी अत्यंत खौफनाक रहा है। हरनागरपुर निवासी छविराम ने मात्र 20 वर्ष की आयु में अपराध की दुनिया में कदम रखा था और कुछ ही वर्षों में तीन राज्यों में आतंक का पर्याय बन गया। इस गिरोह पर कई हत्याओं और एक विधायक की हत्या कर शव दफनाने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। वर्ष 1981 में नथुआपुर में पुलिस पर हुए एक बड़े हमले में 15 पुलिसकर्मियों और तीन ग्रामीणों की हत्या के बाद इस गिरोह पर पुलिस का शिकंजा और कस गया था।
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