बरेली में BLO सर्वेश कुमार गंगवार के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मानो भगवान उनसे रूठ गया हो। 5 साल के दो जुड़वा बच्चे-अहाना और अयांश-जिनके मां-बाप दोनों इस दुनिया में नहीं रहे। छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें इस उम्र में सबसे ज्यादा अपने मां-बाप की जरूरत थी, अब वह कमी कोई भी कभी पूरी नहीं कर पाएगा। 3 महीने पहले जब मां की डेथ हुई थी, तब कम से कम बच्चों के सिर पर पिता का हाथ था, लेकिन SIR (Special Intensive Revision) के प्रेशर की वजह से 26 नवंबर को बच्चों के सिर से पिता का साया भी उठ गया। बच्चे पूछते हैं-पापा की फोटो मम्मी की फोटो के पास कब लगेगी
बच्चों की ताई शशिबाला कहती हैं-ये SIR ऐसा आया है कि लग रहा है जैसे जान लेने के लिए ही आया है। जो नहीं झेल पाएगा, वह इसी में शहीद हो जाएगा। इन बच्चों के मां-बाप दोनों नहीं रहे। रोज शाम को 4 बजे बेटी पूछती है कि पापा कब आएंगे। अब जब बच्चों को थोड़ा समझ में आने लगा है तो पूछते हैं कि जहां मम्मी की फोटो रखी है, वहीं पापा की फोटो कब लगेगी। ये स्थिति हो चुकी है इन बच्चों की। सरकार की ओर से अभी तक नहीं मिली कोई सहायता
BLO और सहायक अध्यापक सर्वेश गंगवार की भाभी शशिबाला, जो खुद भी सहायक अध्यापक हैं, ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है। सिर्फ आश्वासन मिला है। डीएम अविनाश सिंह आए थे। उन्होंने कहा था कि अधिकारी एक दिन का वेतन देंगे, जिसकी एफडी बच्चों के लिए बनाई जाएगी। मेरे देवर को संविदा पर नौकरी देने की बात कही है। लेकिन संविदा पर नौकरी क्यों करें? मेरे देवर NEET क्वालिफाई हैं, पीएचडी कर रहे हैं। वह घर पर बैठे नहीं थे, पहले से ही जॉब कर रहे थे। बच्चों की परवरिश के लिए चाचा ने छोड़ी थी नौकरी
3 महीने पहले बच्चों की मां की डेथ के बाद परवरिश की वजह से उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी थी। वही बच्चों को स्कूल लेकर जाते थे और लेकर आते थे। अब जब बच्चों के पिता भी नहीं रहे, तो उनकी अच्छी परवरिश के लिए सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। संविदा पर नौकरी तो उन्हें खुद मिल जाएगी, उसमें हमें सरकार की सहायता की जरूरत नहीं है। BLO पर जबरदस्ती प्रेशर बनाया जा रहा है
शशिबाला ने कहा कि टीचर कभी भी काम से नहीं डरता। काम करने के लिए ही नौकरी कर रहे हैं। लेकिन जबरदस्ती का प्रेशर बनाना, कम समय में जरूरत से ज्यादा काम लेना-ये गलत है। हमें एक तारीख को फॉर्म बांटने के लिए कहा, फिर 14 नवंबर को फॉर्म बांट दिए और उसके बाद तुरंत कहा जा रहा है कि रिपोर्ट दीजिए। BLO ऐसी स्थिति में क्या करेगा? वह दिन-रात काम कर रहा है। मेरे हसबैंड को अधिकारी फोन करके लताड़ते हैं
शशिबाला ने बताया-मेरे पति योगेश गंगवार खुद सुपरवाइजर हैं। सुबह 7 बजे से रात 11-12 बजे तक काम करते हैं। अगर रात को किसी वजह से ARO का फोन नहीं उठा पाते, तो सुबह 6 बजे उन्हें डांटा जाता है। मैं खुद कैंसर की मरीज हूं, क्या हम लोग थोड़ी देर भी सो नहीं सकते? सुबह मेरे पति को लताड़ा जाता है। यह बहुत गलत है। मेरे हसबैंड प्रेशर झेल गए, लेकिन देवर नहीं झेल पाए
शशिबाला कहती हैं-मेरे पति योगेश गंगवार 14 साल से BLO हैं। कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। पहले काम आराम से हो जाता था। लेकिन यह SIR ऐसा आया है कि लग रहा है जैसे जान लेने के लिए ही आया हो। जो नहीं झेल पाएगा, वह इसी में शहीद हो जाएगा। बच्चों के सिर से उठा मां-बाप दोनों का साया
इन बच्चों के मां-बाप दोनों नहीं रहे। रोज शाम 4 बजे बेटी पूछती है कि पापा कब आएंगे। अब समझ आने पर कहती है कि जहां मम्मी की फोटो है, वहीं पापा की फोटो भी लगेगी। पापा की फोटो कब लगाओगे-बच्चे यही पूछते रहते हैं। स्कूल में BLO की ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत
बरेली के भोजीपुरा ब्लॉक के परधौली गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात 47 साल के टीचर सर्वेश कुमार गंगवार पर SIR का काफी प्रेशर था। उन्हें BLO बनाया गया था। 26 नवंबर की सुबह ड्यूटी के दौरान ही उनका निधन हो गया।
सर्वेश गंगवार कर्मचारी नगर की कृष्णा होम्स कॉलोनी के रहने वाले थे। 2015 में उनकी सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति हुई थी।
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