जहानाबाद | सरकारी और निजी स्कूलों की लापरवाही से बहुत सारे बच्चों का प्रोफाइल विवरण अपडेट नहीं हुआ है। इसका सीधा असर बच्चों के शैक्षणिक रिकॉर्ड, सरकार से मिलने वाले लाभ पर पड़ सकता है। दरअसल हर साल यू-डायस के लिए स्कूली बच्चों का प्रोफाइल स्कूलों को अपडेट करना होता है। इससे उनकी अद्यतन जानकारी का रिकॉर्ड शिक्षा मंत्रालय के पास जमा होता है। जहानाबाद | कृषि मशीनरी बैंक से कृषि उपकरण किराए पर लेना हो या पैक्स की सदस्यता, इसके लिए किसानों को अब सहकारिता विभाग या किसी अन्य कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अपने स्मार्टफोन पर एप की मदद से घर बैठे सभी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इसके लिए सहकारिता विभाग ने ई सहकार एप विकसित किया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि विभाग अभी इस मोबाइल एप का परीक्षण कर रहा है। जल्द ही इसे पब्लिक डोमेन में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस एप की मदद से किसान सहकारिता विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ घर बैठे ले सकेंगे। जहानाबाद|केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के बच्चों को एनसीईआरटी के पाठ्यपुस्तकों को प्राथमिकता देनी होगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों पर से पुस्तकों के बोझ को कम करना है। कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के लिए एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें पहले से ही अनिवार्य हैं। स्कूलों को इन कक्षाओं में पढ़ाने के लिए एनसीईआरटी की किताबों को मुख्य पाठ्यपुस्तक के रूप में शामिल करने को कहा गया है। अधिकतर स्कूलों में बच्चों को प्राइवेट प्रकाशन की किताबों की लिस्ट स्कूलों से दी जाती है। जिन एनसीईआरटी किताब की कीमत 70 रुपये है, प्राइवेट प्रकाशन कि किताबों पर उसके लिए तीन गुना कीमत देना पड़ता है। ऐसे में छोटी कक्षाओं के बच्चों की किताबों को खरीदने में भी अभिभावकों को चार से पांच हजार रुपये का खर्च आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्कूल रेफरेंस या अतिरिक्त सामग्री के तौर पर निजी प्रकाशनों की किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन मुख्य पाठ्यक्रम एनसीईआरटी की किताबों पर आधारित होना चाहिए। एनसीईआरटी की किताबें न केवल सस्ती होती हैं, बल्कि इससे बच्चों की मूलभूत समझ मजबूत होती है।
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