गीता जयंती के पावन अवसर पर निराला नगर स्थित रामकृष्ण मठ में आयोजित कार्यक्रम में 10 वर्षीय अर्यमा शुक्ला ने बिना पुस्तक देखे ही संपूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों का पाठ मात्र 2 घंटे 5 मिनट में पूर्ण किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पाठ के पश्चात् उन्होंने अपनी गीता प्रतियां भक्तों और उपस्थित लोगों में वितरित कीं, जिससे उन्हें गीता के संदेश अपनाने का मार्ग दिखाया। अर्यमा ने अपनी अद्भुत स्मरण शक्ति का परिचय मात्र 8 वर्ष की आयु में दिया था। तब उन्होंने संपूर्ण गीता, दुर्गा सप्तशती समेत संस्कृत के 2500 से अधिक श्लोक कंठस्थ किए थे। पिछले वर्ष भी गीता जयंती पर उन्होंने 2 घंटे 5 मिनट में लयबद्ध तरीके से संपूर्ण गीता का पाठ कर एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था। 3000 से अधिक गीता प्रतियां वितरित किया अर्यमा सीएमएस अलीगंज की कक्षा 5 की मेधावी छात्रा हैं। पढ़ाई के साथ-साथ संस्कृत श्लोक याद करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। उन्होंने अपनी पॉकेट मनी से 3000 से अधिक गीता प्रतियां वितरित कर लोगों तक गीता पहुंचाने का कार्य किया है। उनका उद्देश्य है कि देश के हर घर में गीता पहुंचे। अर्यमा मानती हैं कि गीता पढ़ने से जीवन जीने का उद्देश्य स्पष्ट होता है और जीवन की समस्याओं का समाधान गीता में निहित है। अर्यमा का व्यक्तित्व वैज्ञानिक सोच और पारंपरिक ज्ञान का एक अनूठा मिश्रण है। इतनी कम उम्र में उनका यह कार्य और दृष्टिकोण युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। गीता के माध्यम से जीवन के सही मार्ग पर चलने का उनका प्रमुख संदेश समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा देता है।
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