फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को दो हफ्ते में दूसरी बार मुलाकात की। पेरिस में हुई इस बैठक के बाद मैक्रों ने घोषणा की कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी का काम पूरी तरह फाइनल हो चुका है। उन्होंने रूस की डोनबास इलाके पर कब्जे की मांग को भी खारिज कर दिया। बातचीत के बाद जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध जल्द समाप्त होना चाहिए और शांति टिकाऊ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब दुनिया के हर नेता की भूमिका अहम है। जेलेंस्की मैक्रों के अलावा दूसरे नेताओं से भी बातचीत करेंगे। यूक्रेन जंग रोकने ट्रम्प का 28 पॉइंट प्लान ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन जंग रोकने केलिए 28 पॉइंट का प्लान तैयार किया है। इसके मुताबिक यूक्रेन को अपना लगभग 20% हिस्सा रूस को देना होगा। इसमें पूर्वी यूक्रेन का डोनबास का इलाका शामिल है। यूक्रेन मात्र 6 लाख जवानों वाली सेना ही रख सकेगा। नाटो में यूक्रेन की एंट्री नहीं होगी। नाटो सेनाएं यूक्रेन में नहीं रहेंगी। प्लान में कहा गया है कि रूस द्वारा शांति प्रस्तावों को मानने पर उस पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा। साथ ही यूरोप में जब्त की गई लगभग 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति भी डीफ्रीज होगी। ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ हैं। यूक्रेन पीस प्लान को चार पार्ट में बांटा यह 28 पॉइंट प्लान ट्रम्प प्रशासन के गाजा पीस प्लान से प्रेरित बताया जा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह योजना दोनों पक्षों (रूस और यूक्रेन) से इनपुट लेकर तैयार की गई है, लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया। संभावित योजना को चार पार्ट में बांटा गया है- 1-7: यूक्रेन में शांति (क्षेत्रीय और सैन्य व्यवस्था) 8-14: सुरक्षा गारंटी (यूक्रेन और यूरोप के लिए) 15-21: यूरोप में सुरक्षा (क्षेत्रीय स्थिरता) 22-28: भविष्य की अमेरिकी भूमिका (दीर्घकालिक संबंध)
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