संतकबीरनगर जिले में सिविल बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने मध्यप्रदेश के आईएएस संतोष वर्मा द्वारा महिलाओं पर की गई कथित अभद्र टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी करते हुए उनका पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारी अधिवक्ताओं ने आईएएस संतोष वर्मा के बयान को समाज में वैमनस्यता फैलाने वाला और नारी सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की मांग की गई। इस प्रदर्शन में सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ईश्वर प्रसाद पाठक, पूर्व अध्यक्ष महिप बहादुर पाल, जनपद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शशि कुमार ओझा, पूर्व अध्यक्ष नवनीत कुमार पांडेय, सिविल बार एसोसिएशन के महामंत्री निरंजन सिंह और पूर्व महामंत्री राकेश जी मिश्र सहित कई अधिवक्ता शामिल हुए। अधिवक्ता कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर एकत्र हुए और कुछ ही देर में आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर अधिकारी का पुतला दहन किया। अधिवक्ताओं ने टिप्पणी को समाज को बांटने वाली और बेटियों के सम्मान के खिलाफ बताया। अधिवक्ता राकेश जी मिश्र ने कहा, “एक जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी द्वारा इस तरह की अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल अस्वीकार्य है। भारतीय समाज में बेटियों का सम्मान सर्वोच्च है, चाहे वे किसी भी जाति या समुदाय से हों।” प्रदर्शन के बाद अधिवक्ता नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में दो प्रमुख मांगें रखी गईं 1. आईएएस संतोष वर्मा को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जाए। 2. उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जाए। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन और सरकार इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो आंदोलन को और व्यापक रूप से आयोजित किया जाएगा। उनका कहना था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए।
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