उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के दो युवा कलाकारों ने मुंबई में आयोजित इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट (IFP) 2025 में प्लेटिनम अवॉर्ड जीता है। उन्हें यह सम्मान ‘फिल्म ऑफ द ईयर’ श्रेणी में मात्र 50 घंटों के भीतर एक सशक्त और सामाजिक संदेश देने वाली शॉर्ट फिल्म बनाने के लिए मिला। IFP एशिया के सबसे बड़े रचनात्मक चैलेंज में से एक है, जहाँ प्रतिभागियों को 50 घंटे की समय-सीमा में फिल्म निर्माण की पूरी प्रक्रिया, लेखन से लेकर संपादन तक, पूरी करनी होती है। गोंडा के इन युवा फिल्म निर्माताओं ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए समाज में व्याप्त जातीय कुप्रथाओं पर आधारित एक प्रभावशाली शॉर्ट फिल्म बनाई, जिसने निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। इस विजेता फिल्म का लेखन कर्नलगंज तहसील के भभुआ गांव निवासी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने किया है। फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी परसपुर के हर्षित सिंह ने संभाली। दोनों कलाकारों ने अपनी कलात्मक शैली का प्रदर्शन करते हुए समाज की एक गंभीर समस्या को संवेदनशीलता के साथ पर्दे पर उतारा। सुप्रसिद्ध फिल्मकार और निर्णायक मंडल के सदस्य दिबाकर बनर्जी ने इन कलाकारों को प्लेटिनम अवॉर्ड से सम्मानित किया। यह सम्मान न केवल गोंडा के युवाओं की कलात्मक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि छोटे शहरों की प्रतिभाएं भी बड़े मंचों पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम हैं। यह उपलब्धि गोंडा के फिल्म और कला जगत के लिए प्रेरणा स्रोत है।
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