लखीमपुर खीरी के निघासन स्थित बिरजापुरवा गांव में दो सिख सेवादारों की पगड़ी उछालने और पिटाई के मामले में आरोपियों को जमानत मिलने पर सिख समुदाय में रोष है। पुलिस ने आरोपियों का शांतिभंग में चालान कर एसडीएम कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जमानत मिल गई। इस घटना के विरोध में रविवार देर शाम गुरुद्वारे में हुई बैठक में मंगलवार को एसडीएम कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। समुदाय ने एसडीएम के स्थानांतरण और पुलिस पर कार्रवाई की मांग की है। यह घटना शुक्रवार को हुई थी। निघासन कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर फॉर्म निवासी मनप्रीत सिंह और गुरविंदर सिंह बिरजापुरवा गांव से अखंड पाठ की सेवा कर लौट रहे थे। लुधौरी में डॉ. निसार अहमद के घर के पास लुधौरी निवासी अजय, विजय, अंकित, अखिलेश, अनुज, शिवम और बिहारीपुरवा निवासी सोनू व शुभम सहित लगभग एक दर्जन युवकों ने उन्हें घेर लिया। युवकों ने उनकी पगड़ी उतार दी और लाठी-डंडों व बेल्ट से पिटाई की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। सिख समुदाय के बढ़ते विरोध के बाद पुलिस ने शनिवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। हालांकि, उन पर गंभीर धाराओं के बजाय केवल शांतिभंग के तहत कार्रवाई की गई और उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से सभी आरोपियों को जमानत मिल गई, जिससे समुदाय में असंतोष और बढ़ गया। गुरुद्वारे में हुई बैठक के बाद किसान नेता जसपाल सिंह पल्ला ने कहा कि गुरु घर में सेवा करने वाले दो युवकों की पगड़ी उतारे जाने और बाल खींचकर अपमानित किए जाने से सिख समाज आहत है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कठोर धाराओं में मामला दर्ज करने के बजाय केवल शांतिभंग की धाराएं लगाईं और एसडीएम कोर्ट भेज दिया, जहां एसडीएम ने कथित तौर पर दबाव में जमानत दे दी। पल्ला ने बताया कि मंगलवार को सिख संगत एसडीएम कार्यालय का घेराव करेगी। यह धरना-प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक दोषियों को जेल नहीं भेजा जाता और पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई नहीं होती। बैठक में बलदेव सिंह बिल्ला और भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरुबाज सिंह आज़ाद सहित बड़ी संख्या में सिख संगत मौजूद रही।
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