DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

Prabhasakshi NewsRoom: Parliament Winter Session की शुरुआत, PM Modi ने विपक्ष को दी सलाह- ‘ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए’

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है और पहले ही दिन से माहौल गरम होता दिख रहा है। बड़ा सवाल यह है कि क्या मानसून सत्र की तरह इस बार भी एसआईआर का मुद्दा कार्यवाही में बाधा बनेगा? यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि एसआईआर इस समय देश की राजनीति का सबसे बड़ा बहस का केंद्र बना हुआ है। बिहार में एसआईआर शांतिपूर्वक पूरा हो गया और चुनाव भी संपन्न हो गए, लेकिन विपक्ष अब भी इसे अपना मुख्य मुद्दा बनाए हुए है।
हम आपको बता दें कि एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने एक सुर में एसआईआर पर विस्तृत चर्चा की मांग रखी थी और आज सत्र की शुरुआत से पहले भी कार्य स्थगन नोटिस देकर संकेत साफ कर दिए कि यह सत्र टकराव और हंगामे से भरा रह सकता है।

इसे भी पढ़ें: मोदी की अध्यक्षता में रायपुर में डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन: आंतरिक सुरक्षा के नीति-निर्धारण पर मंथन

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र से पहले उम्मीद जताई कि यह बैठकें सकारात्मक और सार्थक होंगी। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दुर्भाग्य यह है कि “1-2 दल अभी भी अपनी पराजय पचा नहीं पा रहे हैं।” पीएम ने दो टूक कहा कि संसद में “ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए।” मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुआ, उसमें मतदान का जो विक्रम हुआ, वो लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। माताओं-बहनों की जो भागीदारी बढ़ रही है, ये अपने आप में एक नई आशा, नया विश्वास पैदा करती है। एक तरफ लोकतंत्र की मजबूती अब इस लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के भीतर अर्थतंत्र की मजबूती इसको भी दुनिया बहुत बरीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र परिणाम दे सकता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…. विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है… उनसे मेरा आग्रह है कि पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए..”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसको करना है करते रहे। यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए…यहां नारे नहीं नीति पर बल देना चाहिए और वो आपकी नीयत होनी चाहिए…हो सकता है कि राजनीति में नकारात्मकता कुछ काम आती होगी लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए…।”
उधर, रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर विपक्षी दलों ने एसआईआर के साथ ही दिल्ली विस्फोट के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। साथ ही वायु प्रदूषण, विदेश नीति, किसानों की स्थिति, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत बहस की मांग की गई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी बैठक के बाद हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा कि “यह शीतकालीन सत्र है, सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए।”
दूसरी ओर, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत के बाद केंद्र सरकार उत्साहित है और इस सत्र में 14 विधेयक पेश करने की तैयारी में है। सरकार ने वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा है हालांकि कई विपक्षी दल इसे लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। देखा जाये तो ज्वलंत मुद्दों की लंबी सूची और दोनों पक्षों की तीखी तैयारियों को देखते हुए शीतकालीन सत्र का तापमान ठंड में भी काफी ऊँचा रहने वाला है।


https://ift.tt/ZP6tXFL

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *