इटावा में नौसेना अफसर की पत्नी की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर होने के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। जीआरपी क्षेत्राधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी रेलवे अनिल कुमार झा ने जीआरपी प्रभारी निरीक्षक दिनेश प्रताप शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया है। जांच में पाया गया कि सूचना तंत्र में भारी चूक हुई और पुलिस टीम घटनास्थल पर समय पर कार्रवाई नहीं कर सकी। सीमा विवाद के कारण कई घंटों तक आरती का शव ट्रैक पर ही पड़ा रहा। पुलिस ने न पंचनामा हुआ और न ही मौके की प्राथमिक जांच। इसके बाद जीआरपी ने शुरुआती चरण में इसे सुसाइड या हादसा बताकर नजर अंदाज कर दिया। पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पूरे मामले में जीआरपी ने जांच में घोर लापरवाही बरती। अब पूरा मामला विस्तार से पढ़िए…
यह घटना 26 नवंबर कसे साम्हो स्टेशन के पास रेलवे फाटक संख्या 19-सी के करीब हुई थी। पटना–आनंद विहार स्पेशल ट्रेन से गिरने पर नौसेना अफसर अजय की पत्नी आरती यादव (पटना निवासी) की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर आरपीएफ, जीआरपी और सिविल पुलिस सभी मौके पर पहुंचीं, लेकिन किस विभाग को कार्रवाई करनी है, इस पर लंबी देर तक विभागीय बहस चलती रही। सीमा विवाद के कारण आरती का शव कई घंटे तक रेल पटरियों पर पड़ा रहा, न पंचनामा हुआ और न ही मौके की प्राथमिक जांच शुरू हो सकी। आखिरकार सिविल पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना की सूचना मिलने के बाद भी जीआरपी टीम ने मृतका की पहचान, बैग और मोबाइल की तलाश में कोई जल्दी नहीं दिखाई। जांच के शुरुआती चरण में पुलिस ने इसे सामान्य दुर्घटना या आत्महत्या मानकर नजरअंदाज कर दिया। जबकि बाद में सामने आया कि आरती दिल्ली दवा लेने जा रही थी और यात्रा के दौरान उसकी मौत हुई। परिजनों का आरोप – टीटीई ने धक्का देकर ट्रेन से गिराया
मामला तब गंभीर मोड़ पर पहुंचा, जब मृतका के परिजनों ने टीटीई संतोष कुमार पर हत्या के आरोप लगा दिए। परिजनों के मुताबिक- टिकट विवाद के दौरान टीटीई ने पहले आरती का बैग नीचे फेंका और फिर उसे धक्का देकर ट्रेन से गिरा दिया। घटनास्थल पर महिला का बैग और मोबाइल नहीं मिला, जिससे परिवार के आरोपों को और मजबूती मिली। इसी आधार पर टीटीई के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। सूचना कई घंटे देर से पहुंची: CO GRP
राजकीय रेलवे पुलिस के क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह ने स्वीकार किया कि घटना की सूचना उन्हें कई घंटे बाद मिली।
उन्होंने रिपोर्ट में माना कि सूचना तंत्र पूरी तरह विफल रहा। समय पर सूचना मिलती तो जांच प्रभावी हो सकती थी। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई, जिसके बाद कार्रवाई तय हुई। इंस्पेक्टर दिनेश प्रताप शर्मा लाइन हाजिर, नए प्रभारी इंस्पेक्टर नियुक्त
रिपोर्ट में दर्ज खामियों और लापरवाही को गंभीर मानते हुए एसपी रेलवे ने इंस्पेक्टर दिनेश प्रताप शर्मा को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया। उनकी जगह प्रशांत कुमार को नए जीआरपी प्रभारी निरीक्षक के रूप में तैनात किया गया है। हादसे के दिन की 3 तस्वीरें देखिए… जानिए कैसे हुआ था घटनाक्रम…
कानपुर देहात की भोगनीपुर की रहने वाली आरती की शादी 2019 में नौसेना में एसीओ अजय यादव से हुई थी। अजय 15 दिन पहले चेन्नई में स्पेशल ट्रेनिंग पर गए हैं। आरती के कोई बच्चा नहीं है, इस कारण वह इलाज के लिए अक्सर दिल्ली जाती रहती थीं। परिजनों के अनुसार, बुधवार को भी वह अकेले दिल्ली जा रही थीं। आरती गलती से पटना-आनंद विहार सुपरफास्ट एक्सप्रेस (04089) में चढ़ गईं। जबकि उनका रिजर्वेशन दूसरी ट्रेन में था। इसी को लेकर बोगी में टीटीई संतोष से उनकी बहस हुई थी। इसकी जानकारी एक यात्री ने रेलवे को भी दी थी। परिजनों का आरोप है विवाद इतना बढ़ गया कि टीटीई ने गुस्से में आरती को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। एक हाथ घटनास्थल से 200 मीटर दूर मिला बुधवार सुबह दिल्ली-हावड़ा रूट पर साम्हो-भरथना स्टेशन के बीच पोल संख्या 1132 के पास आरती का शव मिला था। S-11 कोच से महिला के गिरने की जानकारी एक यात्री ने हेल्पलाइन 139 पर दी। भरथना जीआरपी टीम मौके पर पहुंची। महिला का एक हाथ घटनास्थल से करीब 200 मीटर दूर मिला, जिस पर गर्म पट्टी बंधी थी। पास में ब्लूटूथ पड़ा था, लेकिन मोबाइल और बैग गायब थे। गुरुवार सुबह जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि आरती का पर्स शव मिलने की जगह से लगभग 4 किलोमीटर दूर मिला है। मोबाइल की लोकेशन तीसरी जगह दिख रही थी। परिजनों ने सवाल उठाया कि अगर यह सामान्य हादसा होता, तो सामान इस तरह तीन अलग-अलग जगहों पर कैसे फैल सकता है। यह स्थिति साफ तौर पर किसी बाहरी हस्तक्षेप, संघर्ष या धक्का दिए जाने की तरफ इशारा कर रही है। ——————————– ् ये खबर भी पढ़िए… मेरठ में सुहागरात पर दूल्हा लापता, CCTV में दिखाई दिया:दुल्हन करती रही इंतजार; पत्नी की डिमांड पूरी करने रात 12 बजे गया था बाजार बहू को विदा कराकर हम घर लाए। रात में मेरा बेटा मोहसिन और बहू कमरे में सोने चले गए। कमरे के अंदर बहू ने दूध का ग्लास बेटे को दिया। फिर बहू बोली कि कमरे में रोशनी बहुत ज्यादा है। कोई छोटा बल्ब बाजार से लाकर लगा दो। बेटा रात 12 बजे घर से बल्ब लेने निकला था। फिर नहीं लौटा। दूसरे दिन दो बहनों का निकाह था। वह बिना भाई के विदा हुईं। ये कहना है मेरठ की रहने वाली फरीदा का। फरीदा का बेटा मोहसिन सुहागरात वाले दिन (27 नवंबर) से लापता है। पूरी रात दूल्हन इंतजार करती रही। मगर दूल्हा मोहसिन घर नहीं लौटा। पढ़िए पूरी खबर…
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