सुलतानपुर के किसान गयाप्रसाद सिंह उर्फ मुरारी ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने खेत में उगाया गया ड्रैगन फ्रूट मुख्यमंत्री को भेंट किया। उनके साथ उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह उर्फ मन्नू भी मौजूद थे। मुलाकात के दौरान, मुख्यमंत्री और किसान के बीच नई फसलों की खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। गयाप्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने पारंपरिक गेहूं और धान की खेती छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। लंभुआ तहसील क्षेत्र के हैं किसान दरअस्ल जिले के लंभुआ तहसील निवासी गयाप्रसाद सिंह का मानना है कि पोषक तत्वों से भरपूर और स्वादिष्ट यह फल किसानों के लिए बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने 2018 में एक कार्यक्रम के बाद लंभुआ तहसील में इसके पौधे रोपित किए थे, और अब उनके खेतों में फल आने लगे हैं। ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने के लिए आरसीसी ढांचे का पिलर बनाया जाता है। 30 साल तक फल देने की क्षमता यह पौधा 6 फुट तक गोलाई लेता है और 30 साल तक फल देने की क्षमता रखता है। इस खेती में लगभग तीन साल में लागत वापस आ जाती है, जिसके बाद अगले 27 साल तक शुद्ध मुनाफा मिलता है। यह फल 200 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है। दक्षिण अमेरिका, वियतनाम और चीन जैसे कई देशों में होती है खेती दक्षिण अमेरिका, वियतनाम और चीन जैसे कई देशों में किसानों को आर्थिक मजबूती देने वाली ड्रैगन फ्रूट की खेती अब सुलतानपुर जिले में भी लोकप्रिय हो रही है। यह खेती प्रति वर्ष लगभग आठ लाख रुपये का मुनाफा दे सकती है। प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर ड्रैगन फ्रूट की खेती को एक नए और लाभदायक कृषि व्यवसाय के रूप में देखा जा रहा है, जिसे देखने और अपनाने के लिए अन्य किसान भी उत्सुक हैं।
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