गीता जयंती को खास बनाने की तैयारी है। IIM और विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाने वाला गीता का ज्ञान अब सबके लिए निशुल्क है। इस्कॉन अयोध्या ने शुरू किया 18 दिवसीय आन लाइन ‘गीता डिप्लोमा कोर्स’ आरंभ किया है।इसमें आज एक दिसंबर से पंजीकरण कर शामिल हुआ जा सकता है। मोक्षदा एकादशी की तिथि को कोर्स के आरंभ के लिए चुना गया
मोक्षदा एकादशी की तिथि जो 1 दिसंबर को है भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के गौरवशाली इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह वही पावन तिथि है जब लगभग 5000 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की रणभूमि में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद् भगवद गीता का अमर उपदेश दिया था। इस ऐतिहासिक अवसर पर, भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, इस्कॉन अयोध्या (ISKCON Ayodhya) ने एक क्रांतिकारी पहल की घोषणा की है। इस्कॉन द्वारा ‘डिप्लोमा इन गीता’ (Diploma in Bhagavad Gita) नामक एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है, जो जाति, पंथ और धर्म के भेदभाव से परे सभी के लिए पूर्णतः निशुल्क है। इस्कॉन की यह पहल पूरी तरह से निशुल्क
इस पाठ्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सुलभता है। आज के दौर में जहाँ भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMs) और दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय भगवद्गीता के प्रबंधन और नेतृत्व के सिद्धांतों को सिखाने के लिए भारी-भरकम फीस लेते हैं, वहीं इस्कॉन की यह पहल पूरी तरह से निशुल्क है। सरल और प्रभावशाली शैली आयोजकों का कहना है कि गीता का यह ज्ञान अमूल्य है, इसलिए इसका कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता। इस कोर्स का संचालन विश्व विख्यात गीता वक्ता और इस्कॉन अयोध्या के ‘गीता मनीषी’ देवशेखर विष्णु दास द्वारा किया जाएगा, जो अपनी सरल और प्रभावशाली शैली के लिए जाने जाते हैं। यह कार्यक्रम आज गीता जयंती से शुरू होकर 18 दिसंबर तक चलेगा। इसकी रूपरेखा अत्यंत वैज्ञानिक है।समय सीमा: 18 दिनअध्याय: गीता के कुल 18 अध्यायों का समावेश सत्र: प्रतिदिन 1 सत्र (कुल 18 सत्र) अवधि: प्रतिदिन 1 घंटा (कुल 18 घंटे) का रहेगा।
कार्यक्रम के संयोजक और मुख्य वक्ता, गीता मनीषी देवशेखर विष्णु दास ने बताया कि यह पाठ्यक्रम केवल धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। किसी भी जाति या धर्म के लोग, इसका लाभ उठा सकेंगे “भगवद्गीता मानव मात्र के लिए ‘जीवन का मैनुअल’ (Life’s Manual) है। भारतीय ज्ञान प्रणाली(IKS) अत्यंत विशाल और व्यापक और भगवद्गीता उस समस्त प्राचीन ज्ञान की नींव है जो भारतवर्ष से उद्भूत हुआ है। यदि नींव दृढ होगी, तो पूरी इमारत दृढ होगी। इसी उद्देश्य से हम ऑनलाइन माध्यम से यह निशुल्क 18 दिवसीय डिप्लोमा कोर्स आयोजित कर रहे हैं ताकि हर जिज्ञासु, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो, इसका लाभ उठा सके।” पंजीकरण कैसे करें
यह कोर्स सभी के लिए खुला है। जो भी जिज्ञासु इस ज्ञान यज्ञ का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे तुरंत पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए दो माध्यम उपलब्ध हैं इस्कॉन अयोध्या की आधिकारिक वेबसाइट के सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से या सीधे इस लिंक पर जाकर: https://gitasaar.weebly.com आयोजकों ने सभी से अपील की है कि वे इस दुर्लभ अवसर को न चूकें और घर बैठे विश्व प्रसिद्ध विद्वान से गीता का सार ग्रहण करें।
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