यूपी के मेरठ में हिंदू-सिख बाहुल्य क्षेत्र में एक मुस्लिम व्यक्ति के मकान खरीदने से शुरू हुआ विवाद अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनता जा रहा है। पहले दिन स्थानीय लोगों ने पलायन के पोस्टर लहराए। दूसरे दिन हिंदू संगठनों ने पुलिस स्टेशन में हनुमान चालीसा पढ़ी। तीसरे दिन इसी मकान के बगल में गुरुद्वारे के बाहर स्कूटी सवार अज्ञात व्यक्ति मीट फेंककर चले गए। पुलिस मान रही है कि मकान विवाद और मीट फेंकने की घटना आपस में कनेक्ट है। वहीं मकान खरीदार मुस्लिम व्यक्ति कह रहा है कि कोई 1 करोड़ 46 लाख रुपए दे और मकान खरीद ले। चूंकि खरीदार ने निर्धारित प्रक्रिया से मकान खरीदा है। इसलिए पुलिस भी उससे ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं। फिलहाल पूरे विवाद का किसी भी तरह पटाक्षेप नहीं हो पा रहा। विवादित घर के बाहर पुलिस बल तैनात है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर इस पूरी कंट्रोवर्सी को समझा। स्थानीय लोगों से बात की। उनकी संभावित दिक्कतों को जाना और मकान खरीदार से भी बात की। ये रिपोर्ट पढ़िए… सबसे पहले पूरा विवाद समझिए
मेरठ में एक प्रमुख स्थान है बच्चा पार्क चौराहा। यहां से करीब 200 मीटर दूर थापरनगर एरिया लगता है। ये पूरा क्षेत्र हिंदू और सिख बाहुल्य है। इसके ठीक पीछे पूर्वा फैय्याज अली क्षेत्र है, जो मुस्लिम बाहुल्य है। थापरनगर गली की नंबर-7 में अनुभव कालरा ने कुछ दिनों पहले अपना मकान जली कोठी में रहने वाले सईद को बेच दिया। सईद दूध विक्रेता हैं। वो कई कंपनियों का पैक्ड दूध बेचते हैं। सईद के मुताबिक, उन्हें ये मकान 1 करोड़ 46 लाख रुपए में पड़ा। अनुभव कालरा करीब 6 महीने पहले ही इस मकान को छोड़कर परिवार के साथ गुरुग्राम में शिफ्ट हो गए थे। हालांकि उनके कुनबे के लोग अभी भी इसी मकान के आसपास रहते हैं। वो खुद हैरान हैं कि अनुभव उन्हें बताए बिना ही गुरुग्राम क्यों शिफ्ट हो गए? मुस्लिम खरीदार के विरोध में हिंदू संगठनों ने स्थानीय लोगों के साथ 28 नवंबर को पलायन के पोस्टर लहराए। 29 नवंबर को सदर बाजार थाने में हनुमान चालीसा पढ़ी। ये विवाद थमा नहीं था कि 30 नवंबर की सुबह एक नया विवाद खड़ा हो गया। इस मकान के ठीक पीछे थापरनगर गली नंबर-8 के मोड़ पर गुरुद्वारा है। स्कूटी सवार अज्ञात व्यक्ति गुरुद्वारे के बाहर सड़क पर मीट फेंककर चले गए। ग्रंथी बोले- मैं पाठ करने गया था, तभी मीट फेंका गया
गुरुद्वारे के ग्रंथी ज्ञानी मंजीत सिंह ने बताया- 30 नवंबर की सुबह मैं कहीं पर पाठ करने गया था। इस दौरान मुझे किसी व्यक्ति ने फोन करके बताया कि गुरुद्वारे के बाहर कुछ लोग मीट फेंककर चले गए हैं। जब मैं यहां आया, तो गुरुद्वारे के पास नाले पर बैठकर दो व्यक्ति शराब पी रहे थे। थोड़ा पास में ही पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। सीसीटीवी फुटेज में स्कूटी पर 2 व्यक्ति दिखे हैं। उनका चेहरा साफ नहीं दिखा। मुझे लगता है कि मकान बेचने के विवाद में माहौल खराब करने के लिए मीट फेंका गया। अब स्थानीय लोगों की बात ‘मुस्लिम परिवार हमारे सामने आ गया, अब हम कैसे रहेंगे’
हमने इस पूरी कंट्रोवर्सी में स्थानीय लोगों से भी बात की। थापरनगर गली नंबर-7 के जिस मकान पर विवाद है, उसके ठीक सामने बूढ़ी अम्मा ब्रजबाला परिवार सहित रहती हैं। कहती हैं- ये (मुस्लिम) लोग गंदगी फैलाते हैं। कहीं भी हड्डियां डाल देंगे। कहीं मांस डाल देंगे। ईद के वक्त भी मांस के अवशेष कट्टों में भरकर हमारी गली के सामने नाले किनारे डाल जाते हैं। हमारे और इनके खानपान, रहन-सहन में बहुत फर्क है। मेरे परिवार में छोटी-छोटी बच्चियां हैं। बच्चों का निकलना भी मुश्किल हो जाएगा। बच्चे मुझसे कह रहे हैं कि मम्मी अब यहां रहने का माहौल नहीं रहा। अब तो मुस्लिम परिवार हमारे ठीक सामने आ गया, बताओ फिर हम कैसे रहेंगे? ‘ज्यादा पैसे के लालच में हिंदू को नहीं बेचा मकान’
मकान मालिक दावा करता है कि मैंने इसे बेचने के लिए 3 महीने इंतजार किया, लेकिन किसी हिंदू ने नहीं खरीदा। इस बात का जवाब देते हुए ब्रजबाला बताती हैं- ऐसा नहीं है। स्थानीय हिंदू लोग इस मकान को खरीदने के लिए तैयार थे। लेकिन, मकान मालिक ने पैसों के लालच में महंगा बेच दिया। हिंदू समाज के लोगों ने 1 करोड़ 15-20 लाख रुपए में मकान खरीदने की हामी भर दी थी। जबकि मुस्लिम ने 1 करोड़ 40 लाख रुपए में ये मकान खरीदा है। इसी लालच की वजह से मकान मालिक ने ये मकान हिंदू समाज के लोगों को नहीं बेचा। ब्रजबाला आगे कहती हैं- मुस्लिमों ने थापरनगर गली नंबर- 7 का मकान खरीदकर यहां नींव डालने का काम किया। पटेलनगर पहले हिंदुओं का था, आज वहां मुस्लिमों की बड़ी आबादी रह रही। यही स्थिति सोतीगंज में हुई, जहां मैं पहले रहती थी। अब थापरनगर में अगर यही स्थिति रही, तो हम यहां से जाएंगे। हम यहां बिल्कुल नहीं रह सकते। पूरी गली के लोग दहशत में हैं। ‘आज गुरुद्वारे के सामने मीट फेंका, कल हमारे घर के सामने ऐसा होगा’
विवादित मकान के ठीक बगल में सुधा सिंह का मकान है। वो कहती हैं- यहां का माहौल इन लोगों (मुस्लिम) के आने से बहुत गड़बड़ हो गया है। उन्होंने हमारी गली में एंट्री कर ली है। इससे हम अब खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे। पुलिस-प्रशासन को इस पर कोई न कोई एक्शन जरूर लेना चाहिए। हमने पूछा- मकान का विवाद और मीट फेंकने की घटना का क्या आपस में कोई संबंध है? इस पर सुधा कहती हैं- हां कनेक्ट तो इसलिए है, क्योंकि हिंदुओं को सिर्फ परेशान किया जाना है। आज गुरुद्वारे के सामने मीट फेंका गया, कल को हमारी गली-घर के सामने ऐसा होगा। ‘मकान का विषय भटकाने को मीट फेंकने की घटना कराई’
इस पूरे मुद्दे में सबसे आगे अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन है। इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही कहते हैं- एक हिंदू का मकान मुस्लिम ने खरीद लिया। इसे लेकर पूरे मोहल्ले के लोग गुस्से में हैं। हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि हिंदू समाज को ही ये मकान वापस दिलवाया जाए। हमने 29 नवंबर को सदर बाजार पुलिस स्टेशन में 6 घंटे धरना दिया था। पुलिस को बताया था कि अगर हिंदू बाहुल्य एरिया में मुस्लिम की एंट्री हुई तो वहां किस तरह का माहौल हो जाएगा। इस धरने के एक दिन बाद ही दूसरे पक्ष ने चैलेंज करके गुरुद्वारे के बाहर मीट फेंका। इसे लेकर लोगों में आक्रोश है। हम साफ कहते हैं कि मकान का विषय भटकाने के लिए जानबूझकर मीट फेंकने की घटना कराई गई। हमें हर हाल में मकान वापस चाहिए। योगी सरकार को लैंड जिहाद पर सख्त कानून बनाना चाहिए। खरीदार की पत्नी बोली- पूरा पैसा दे और मकान कोई भी खरीद ले
विवादित मकान को खरीदने वाले सईद इस वक्त मेरठ जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बेड नंबर- 27 पर भर्ती हैं। हम उनका पक्ष जानने के लिए इमरजेंसी में पहुंचे। सईद सो रहे थे। बराबर वाले बेड पर पत्नी बैठी थीं। हमने पूछा- सईद की तबीयत कैसे खराब हुई? इस पर उनकी पत्नी ने बताया- पुलिस ने 29 नवंबर को हमें सदर बाजार थाने में बुलाया था। हम घर से निकलकर थाने पर जा रहे थे। रास्ते में पति की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें तुरंत अस्पताल में एडमिट करना पड़ा। सईद की पत्नी ने आगे बताया- हमने ये मकान 1 करोड़ 46 लाख रुपए में खरीदा था। इसके लिए जितनी भी प्रक्रियाएं होती हैं, वो सब पूरी की गईं। हमें मकान बेचने में कोई दिक्कत नहीं। जितना पैसा हमने मकान खरीदने में लगाया है, उतना हमें मिलना चाहिए। हमें मकान का पूरा पैसा दे और कोई भी खरीद ले। DSP बोलीं- मकान मैटर का हमसे मतलब नहीं
इस पूरी कंट्रोवर्सी में पुलिस का स्टैंड क्या है, ये जानने के लिए हमने मेरठ कैंट सर्किल की DSP नवीना शुक्ला से बात की। उन्होंने बताया- गुरुद्वारे के बाहर मीट कहां से आया, इसकी जांच की जा रही। गुरुद्वारा कमेटी के हरप्रीत की तरफ से अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मीट फेंकने की शिकायत की गई। हम इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज करके जांच कर रहे। DSP ने कहा- थापरनगर में मकान खरीद-फरोख्त प्रकरण से पुलिस का सीधे तौर पर कोई मतलब नहीं। मकान लीगल तरीके से बेचा और खरीदा गया। ये विषय वहां के लोगों का अपना है। वो आपस में बैठकर ही इसे निपटा सकते हैं। ————————– ये खबर भी पढ़ें… मेरठ में मुसलमान को मकान बेचा, हिंदू संगठनों का हंगामा, थाने में हनुमान चालीसा पढ़ी मेरठ में दूसरे समुदाय के व्यक्ति को मकान बेचने को लेकर कई हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए। थाने पर धरना शुरू कर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। उनका साफ कहना है कि हिंदू परिवारों का पलायन नहीं होने देंगे। उन्होंने मकान वापस दिलाने की मांग की। पढ़ें पूरी खबर
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