पीलीभीत टाइगर रिजर्व के माला रेंज से सटे गांवों में रविवार सुबह नेपाली हाथियों का झुंड देखे जाने से ग्रामीण दहशत में आ गए। अजीतपुर पटपरा गांव के खेतों में हाथियों ने दाखिल होकर गन्ना, धान और गेहूं की फसलें रौंद दीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये हाथी नेपाल के जंगलों से सीमा पार करके भारतीय सीमा में आए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पिछले कई महीनों से हाथियों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। खेतों में घूमकर हाथी फसलों को उजाड़ देते हैं। राम सिंह यादव ने बताया कि शनिवार रात से ही हाथियों की आवाजें सुनाई दे रही थीं। रविवार सुबह खेतों में पहुंचने पर देखा कि गन्ने की फसल पूरी तरह रौंदी जा चुकी थी। कई किसानों ने खेत की मेड़ों को भी टूटते देखा। इस घटना से दर्जनभर से अधिक किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। वन विभाग की कार्रवाई केवल औपचारिक ग्रामीणों ने डायल 112 और वन विभाग को सूचना दी। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन हाथियों के नेपाल की ओर लौट जाने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग की मदद केवल पटाखे और शोर मचाने तक सीमित रहती है। स्थायी समाधान अब तक नहीं मिल सका है। किसानों की मांग, अधिकारियों का जवाब किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि नेपाली हाथियों के आतंक से निजात दिलाने के ठोस कदम उठाए जाएं। वहीं, टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने कहा कि हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और प्रभावित गांवों में गश्त बढ़ा दी गई है। ग्रामीण फिलहाल हाथियों की वापसी के डर से रात में खेतों की निगरानी करने से डर रहे हैं।
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