पीलीभीत के बरखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत खजुरिया पचपेड़ा के प्रधान विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता के आरोपों में अंतिम जांच में दोषी पाए गए हैं। जांच टीम ने दो लाख रुपये से अधिक के गबन की पुष्टि करते हुए अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी है। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय ने प्रधान को अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। कुछ माह पूर्व, खजुरिया पचपेड़ा के निवासी सुरजीत सिंह और अन्य ग्रामीणों ने तत्कालीन जिलाधिकारी से शिकायत की थी। उन्होंने प्रधान पर विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए थे। शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए थे। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए थे। इस मामले में पंचायत सचिव पर भी कार्रवाई की गई थी। इसके बाद, जिलाधिकारी ने अंतिम जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की। इस टीम में परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण और अधिशासी अभियंता, शारदा सागर खंड शामिल थे। टीम ने गांव पहुंचकर विभिन्न विकास कार्यों की मौके पर जांच की, संबंधित अभिलेखों की पड़ताल की और लाभार्थियों के बयान भी दर्ज किए। अंतिम जांच में पाया गया कि ग्राम प्रधान ने मनरेगा, सड़क निर्माण और अन्य विकास योजनाओं के तहत कराए गए कार्यों में कई वित्तीय अनियमितताएं की हैं। रिपोर्ट में लगभग दो लाख रुपये से अधिक की धनराशि के गबन की पुष्टि हुई है। जिलाधिकारी कार्यालय ने जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान को अंतिम नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह भी संकेत दिए गए हैं कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो शासन के निर्देशानुसार रिकवरी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने इस जांच परिणाम पर संतोष व्यक्त करते हुए गांव में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद जताई है।
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