अयोध्या की प्रतिष्ठित मानी जाने वाली लाल पैथ लैब, रिकाबगंज में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। खुद एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी को इस लैब ने HBA1C शुगर हिस्ट्री की गलत रिपोर्ट जारी कर दी। रिपोर्ट में असामान्य परिणाम देखकर जब उन्होंने इसे अपने चिकित्सक को दिखाया तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। संदेह होने पर एसपी ग्रामीण ने दो घंटे बाद उसी लैब से दोबारा जांच कराई। हैरानी की बात यह रही कि दोनों रिपोर्टों में भारी अंतर पाया गया, जिससे लैब की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे। इसके बाद एसपी ग्रामीण ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुशील कुमार बानियान को पूरे मामले की शिकायत दी। शिकायत मिलते ही सीएमओ ने तत्काल जांच टीम गठित की और नोडल अधिकारी डॉ. राजेश चौधरी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम लैब पहुंची। टीम ने लैब का विस्तृत निरीक्षण किया, जिसमें कई चौंकाने वाली खामियां सामने आईं। लैब में नहीं थे अधिकृत कर्मचारी
जांच में लैब में पांच कर्मचारी कार्यरत मिले, जिनमें से केवल एक ही इंपैनल्ड यानी अधिकृत था। बाकी चार कर्मचारी बिना किसी वैध योग्यता और प्रमाण के पैथोलॉजी कार्य कर रहे थे। यह नियमों का गंभीर उल्लंघन है। टीम को रिकॉर्ड प्रबंधन में भी अनियमितताएं मिलीं और कई रिपोर्टों के डेटा में विसंगतियां पाई गईं। हालात को गंभीर मानते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मौके पर ही लैब को पूरी तरह सील कर दिया। सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बानियान ने कहा-लैब में गंभीर गड़बडियां मिली हैं। जांच पूरी होने तक सील से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। संचालक डॉक्टर हरिओम गुप्ता को कड़ी चेतावनी दी गई है। कथित तौर पर यह लैब लंबे समय से बड़े पैमाने पर जांच कार्य कर रही थी और शहर की भरोसेमंद लैब मानी जाती थी। ऐसे में एसपी ग्रामीण जैसे वरिष्ठ अधिकारी की रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आने से स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। प्रकरण सामने आने के बाद शहर के मरीजों में आक्रोश और चिंता का माहौल है, क्योंकि गलत रिपोर्ट के कारण इलाज की दिशा बदल सकती है और मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है।
https://ift.tt/SC8fKv5
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply