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आतंकी मुस्तकीम और शकील को 2-2 साल की सजा:लखनऊ NIA कोर्ट का फैसला, आतंकी मॉड्यूल को हथियार सप्लाई किए थे

भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियार जमा करने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोपी मोहम्मद मुस्तकीम और मोहम्मद शकील को लखनऊ NIA कोर्ट ने दो-दो साल की सजा सुनाई। वहीं 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। अल कायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिन्द से जुड़े दोनों आरोपियों ने आतंकी साजिश के लिए हथियारों की आपूर्ति की थी। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी बृजेश यादव ने बताया- NIA कोर्ट ने अभियुक्त मोहम्मद मुस्तकीम और शकील को दोषसिद्ध मानते हुए यह सजा सुनाई है। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने आतंकी गतिविधियों में शामिल मुख्य आरोपियों को अवैध पिस्टल और कारतूस उपलब्ध कराए थे। कोर्ट ने दोनों को आर्म्स एक्ट की धारा 25(18)(ए) के तहत दोषी ठहराया है। जेल में बिताई अवधि को माना सजा कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- दोनों दोषियों द्वारा जेल में पहले से बिताई गई अवधि को सजा की अवधि में समायोजित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक आरोपी पर 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। यह मामला वर्ष 2021 में सामने आया था, जब उत्तर प्रदेश एटीएस को इनपुट मिले थे कि अल-कायदा से जुड़ा एक आतंकी मॉड्यूल लखनऊ और आसपास के इलाकों में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। जांच में सामने आया था कि 15 अगस्त 2021 से पहले भीड़भाड़ वाले और संवेदनशील स्थानों को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही थी। एटीएस कार्रवाई के बाद एनआईए को मिली जांच एटीएस ने जुलाई 2021 में दबिश देकर मिनहाज अहमद और मुसीरुद्दीन उर्फ मुसीर को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से पिस्टल, जिंदा कारतूस और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। पूछताछ में खुलासा हुआ कि हथियारों की व्यवस्था मोहम्मद मुस्तकीम और शकील के जरिए की गई थी। मामले के तार अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने के चलते 28 जुलाई 2021 को जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। अदालत में अपराध स्वीकार करने से मजबूत हुआ केस दोनों दोषियों ने अदालत में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। कोर्ट ने इसे दंड निर्धारण में एक तथ्य के रूप में संज्ञान में लिया था। आतंकियों के निशाने पर थी राम जन्मभूमि 11 जुलाई को लखनऊ के दुबग्गा क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को ATS ने 14 दिन की रिमांड पर लिया है। IB की रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर पर फैसला आने के बाद से ये आतंकी सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहे थे। इसीलिए अल कायदा का ये मॉड्यूल खड़ा किया गया। इसके लिए पहले नए लड़के भर्ती किए गए, फिर उन्हें फिदायीन दस्ता के लिए तैयार किया गया। इन्हें कम पैसे में बम बनाने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया। यह भी पता चला है कि दस्ते में शामिल 7 लड़कों ने दो साल पहले अयोध्या में बाइक से घूमकर राम जन्म भूमि की रेकी भी थी। ……………………………………. संबंधित खबर पढ़ें अलकायदा का UP कमांडर शकील गिरफ्तार:ATS ने शकील समेत 3 आतंकियों को लखनऊ से दबोचा, भाई बोला- शकील ई-रिक्शा चलाकर परिवार पाल रहा था यूपी ATS ने लखनऊ के बुद्धा पार्क के पास से एक और संदिग्ध आतंकी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। उसका नाम शकील है, जिसे पुलिस ने 11 जुलाई को पकड़े गए आतंकियों का कमांडर बता रही थी। इससे पहले पुलिस ने दुबग्गा क्षेत्र से अंसार अलकायदा हिंद (AGH) के मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को गिरफ्तार किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर


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