लखीमपुर में जिला जेल में बंद एक बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या के मामले में पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई की है। परिजनों द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस अधीक्षक ने धौरहरा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शिवाजी दुबे और तीन सिपाहियों को शुक्रवार शाम निलंबित कर दिया। परिजनों के विरोध के कारण देर रात तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। शनिवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। ग्राम माधवपुरवा निवासी सुरेश वर्मा को बुधवार शाम प्रेमिका सीमा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मेडिकल परीक्षण के बाद उसे गुरुवार शाम लगभग पांच बजे जिला जेल में दाखिल कराया गया था। जेल प्रशासन के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 4:15 बजे सुरेश का शव जेल बैरक के शौचालय में गमछे से लटका मिला। मृतक सुरेश वर्मा के परिजनों ने धौरहरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सुरेश को प्रेमिका की हत्या के मामले में झूठा फंसाया गया था। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के बाद उसे तीन दिन तक अवैध हिरासत में रखा गया और पुलिस ने मुकदमा दर्ज न करने के बदले पांच लाख रुपये की मांग की थी। इन आरोपों के विरोध में परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए धौरहरा कोतवाली पहुंचकर जमकर हंगामा किया। मृतक के भाई रमेश वर्मा, पत्नी सुनीता और बेटी पल्लवी के साथ ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली से कोतवाली का घेराव किया। स्थिति बिगड़ती देख सांसद उत्कर्ष वर्मा पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और परिजनों को शांत कराया। परिजनों के आरोपों और प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस अधीक्षक शंकर शर्मा ने धौरहरा कोतवाली प्रभारी शिवाजी दुबे सहित तीन सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। अंतिम संस्कार में देरी पोस्टमार्टम के बाद शव जैसे ही गांव पहुंचा, ग्रामीणों ने फिर हंगामा किया और आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग दोहराई। देर रात तक माहौल तनावपूर्ण होने और अंधेरा हो जाने के कारण शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। शनिवार को अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
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