लखनऊ के इंदिरानगर स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर ‘शांतिकुंज भवन’ में अखिल विश्व गायत्री परिवार ने अखण्ड दीप शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति और अखिल विश्व गायत्री परिवार के विशेष प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने नवीनीकृत साहित्य विस्तार पटल का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में विचार क्रांति अभियान के तहत एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इसमें आचार्य पं. श्रीराम शर्मा द्वारा समाज कल्याण और मानव उत्थान के लिए दिए गए संदेशों पर विस्तार से चर्चा की गई। शांतुकुंज भवन, इंदिरानगर के मुख्य ट्रस्टी उमानंद शर्मा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। विवेक, साधना और सेवा को अपनाने का आह्वान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए गायत्री साधना और श्रेष्ठ विचारों का प्रसार अत्यंत आवश्यक है। लोकार्पण के बाद अपने संबोधन में डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा के विचारों पर आधारित यह साहित्य नई पीढ़ी को संस्कारित करने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। उन्होंने युवाओं से विवेक, साधना और सेवा को अपनी जीवनशैली में अपनाने का आह्वान किया। सकारात्मक विचारों से परिवर्तन संभव डॉ. पण्ड्या ने आगे कहा कि अखण्ड दीप शताब्दी वर्ष आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा मानवता के कल्याण हेतु प्रज्वलित त्याग, तपस्या और लोकमंगल की चेतना का स्मरण कराता है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में मोड़े, तो समाज में बड़ा परिवर्तन संभव है।कार्यक्रम में वी.के श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह, विपिन सहाय यादव, उषा सिंह, कमला सक्सेना, अर्चना निरंजन सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने युग निर्माण की प्रतिज्ञा का संकल्प लिया।
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