औरैया में सदर कोतवाली क्षेत्र के खानपुर गांव में 11 साल पुराने हमले के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पारुल जैन ने गोली मारकर घायल करने के दोषी विवेक उर्फ बब्लू दीक्षित को 10 वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। उस पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि यह मामला वर्ष 2014 का है। वादी यूनिस ने सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 21 जून 2014 को दोपहर 12 बजे यूनिस अपने साले खलील अहमद के साथ औरैया से खानपुर जा रहे थे। खानपुर में धर्मशाला के पास पहुंचने पर विवेक उर्फ लल्लू दीक्षित और उसके पिता गोविंद नारायण दीक्षित ने उन्हें रोका। आरोप है कि दोनों ने गाली-गलौज करते हुए अवैध वसूली का प्रयास किया। इसी दौरान विवेक ने जान से मारने की नीयत से यूनिस पर गोली चला दी, जो उसके साले खलील अहमद के पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया। लोगों के इकट्ठा होने पर आरोपी धमकी देकर भाग गए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की और पिता-पुत्र के खिलाफ हमले का आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। शुक्रवार को अपर जिला जज प्रथम पारुल जैन ने इस मामले में निर्णय सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंद्रभूषण तिवारी ने दोषी को कठोर सजा देने की पैरवी की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी पिता गोविंद नारायण दीक्षित को दोषमुक्त कर दिया। वहीं, विवेक को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।
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