अब नक्शा पास कराना हुआ आसान, व्हाट्सएप पर मिलेगी NOC:लखनऊ विकास प्राधिकरण में लागू हुई डिजिटल व्यवस्था, लोगों को नहीं लगाने पड़ेंगे विभागों के चक्कर
लखनऊ में अब मकान या व्यावसायिक भवन का नक्शा पास कराना पहले की तुलना में कहीं अधिक आसान हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया से जुड़ी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार की पहल पर शुरू की गई इस नई प्रणाली में अब आवेदकों को विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्हें जरूरी एनओसी सीधे व्हाट्सएप पर मिल जाएगी। पहले की व्यवस्था में नक्शा पास कराने के लिए नागरिकों को नजूल, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, सीलिंग, अर्जन और लैंड यूज जैसी कई प्रकार की एनओसी के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे। साथ ही, तहसील और जलकल विभाग से भी एनओसी लेना आवश्यक होता था। इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर तीन से चार महीने का समय लग जाता था और लोग बेवजह परेशान होते थे। अब एलडीए ने इस प्रक्रिया को न केवल सरल किया है, बल्कि इसे पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। नक्शा स्वीकृति के लिए आवेदन मिलते ही एलडीए के ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सिस्टम के माध्यम से एनओसी निर्गत कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। संबंधित विभाग जैसे ही एनओसी को स्वीकृति देते हैं, वह स्वतः आवेदक के पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेज दी जाती है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि केवल एलडीए स्तर पर जारी होने वाली एनओसी ही नहीं, बल्कि तहसील और जलकल विभाग की एनओसी की भी अब ऑनलाइन ट्रैकिंग की जाएगी। आवेदक को इन विभागों की ओर से भी जरूरी प्रमाण पत्र उनके व्हाट्सएप पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। सिर्फ नक्शा ही नहीं, बल्कि जमीन का भू-उपयोग जानना भी अब बेहद आसान हो गया है। यदि कोई व्यक्ति लखनऊ में जमीन खरीदना चाहता है और उसका लैंड यूज जानना चाहता है, तो उसे अब एलडीए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। यह जानकारी एलडीए की वेबसाइट ldalucknow.in पर उपलब्ध होगी। इसके लिए आवेदक को वेबसाइट पर जाकर सिटिजन सर्विस में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, और फिर संबंधित जमीन के स्वामित्व दस्तावेज, खसरा विवरण और स्थान की जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके तुरंत बाद भू-उपयोग की जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी। प्रथमेश कुमार का कहना है कि यह पूरी व्यवस्था आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना भी खत्म होगी और नक्शा पास कराने की प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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