अयोध्या में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) के तहत चल रहे मतदाता सूची संशोधन अभियान को लेकर विवाद बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने आरोप लगाया है कि SIR फॉर्म के वितरण और भराई में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे आम लोगों के वोट खतरे में पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि SIR फॉर्म जिस तरह घर-घर पहुंचने चाहिए, वह नहीं पहुंच रहे हैं। जिन लोगों तक फॉर्म पहुंच भी रहे हैं, उन्हें गलत या असंगत सूची के आधार पर फॉर्म दिया जा रहा है, जिससे फॉर्म सही तरीके से भर पाना मुश्किल है। पवन पांडेय का कहना है कि 2003 की पुरानी मतदाता सूची को आधार बनाकर फॉर्म भराए जा रहे हैं, जिसमें कई कमियां हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बीएलओ भाजपा नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं और फॉर्म वितरण में जानबूझकर गड़बड़ी की जा रही है। उनके अनुसार, यह पूरा मामला पिछड़े वर्ग, गरीब, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक मतदाताओं के वोट कटवाने की योजना का हिस्सा है। निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों पर भी उठाए सवाल
उन्होंने एडीएम प्रशासन और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों पर भी गंभीर सवाल उठाए। पवन पांडेय ने कहा कि जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी पूरी तरह अक्षम और उदासीन हैं। वे जनता से संवाद नहीं करते, उनकी समस्याएं समझने की कोशिश नहीं करते और सत्ता के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब फॉर्म सही से भरे ही नहीं जाएंगे, तो वे रद्द होंगे। इसके बाद आपत्तियां मांगी जाएंगी, लेकिन जनता को यह भी नहीं बताया जाएगा कि आपत्ति कैसे देनी है। इसी तरीके से वोट कटने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। पवन पांडेय ने कहा-हमारी मांग साफ है। किसी भी मतदाता का वोट नहीं कटना चाहिए। लोकतंत्र में वोट सबसे बड़ा अधिकार है, इसे छीनने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। SIR फॉर्म में गड़बड़ी को लेकर वह गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में आरएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो समाजवादी पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।
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