सम्भल में हिन्दू जागृति मंच की बैठक शुक्रवार को तिरंगा मार्केट में आयोजित की गई। इसमें समाज में बढ़ती जातिगत गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की गई। वक्ताओं ने कहा कि जाति आधारित कार्यक्रम और संगठन समाज को विभाजित करते हैं, इसलिए समाज और सरकार दोनों को मिलकर ऐसी गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए। बैठक में उपस्थित प्रबुद्धजनों ने भी जातिविहीन समाज की दिशा में सकारात्मक पहल करने पर सहमति जताई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. आलोक कुमार ने सरकार के कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वाहनों पर जाति से संबंधित शब्द, प्रतीक या पहचान लिखने पर पाबंदी लगाना एक सराहनीय कदम है। इसके अतिरिक्त, कई सरकारी विभागों में जाति प्रकट करने पर रोक लगाने का निर्णय भी समानता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। डॉ. कुमार ने हिंदू समाज से इन कदमों का स्वागत करने का आह्वान किया, क्योंकि समाज की एकता इसी में निहित है। हिंदू जागृति महिला मंच की प्रतिनिधि शशि गंभीर ने अपने वक्तव्य में समाज को जातियों में बांटने की मानसिकता से सावधान रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रबुद्ध वर्ग से जातिगत संस्थाओं और कार्यक्रमों से दूरी बनाने तथा हिंदू समाज की एकता एवं मजबूती को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उनके अनुसार, संगठन और समाज को ऐसे प्रयासों का समर्थन करना चाहिए जो हिंदू समाज को जोड़ें, न कि विभाजित करें। हिंदू जागृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने बताया कि जल्द ही एक व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से समाज के प्रबुद्ध लोगों को जातिगत व्यवस्थाओं और संगठनों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जातिवाद और हिंदुत्व एक साथ नहीं चल सकते, और समाज को भविष्य की मजबूती के लिए एकजुट रहना होगा। बैठक में सुबोध कुमार गुप्ता, दिनेश कुमार शर्मा, दुर्वेश सैनी, रोहित कुमार, तेजपाल सैनी और आदित्य शर्मा सहित कई सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक की अध्यक्षता सुभाष चंद्र मोंगिया ने की, जबकि संचालन अरुण कुमार अग्रवाल ने किया।
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