फिरोजाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दुष्कर्म के केस में जेल में बंद बेटे और उसके साथी को छुड़ाने के लिए पिता ने ही अपनी बेटी के फर्जी अपहरण की पूरी साजिश रच दी।CCTV फुटेज और कॉल डिटेल्स में कहानी उलझने लगी तो पुलिस को पूरी सच्चाई समझ आ गई। पुलिस ने आरोपी पिता और उसके रिश्ते के भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 22 नवंबर को आरोपी कुंवरपाल की पत्नी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि 17 नवंबर को उनकी बेटी स्कूल जा रही थी, तभी दो युवक लिफ्ट देने के बहाने उसे बाइक पर बैठाकर ले गए।पांच दिन बाद 22 नवंबर को लड़की मक्खनपुर थाने के पास मिली। इसके बाद पुलिस ने दो युवकों पर अपहरण का केस दर्ज कर लिया। CCTV और CDR ने बदली जांच की दिशा मक्खनपुर, मटसेना और रास्ते के तमाम कैमरों के फुटेज खंगालने पर पुलिस को घटनाक्रम संदिग्ध लगा।सीडीआर में भी परिवार के ही नंबरों के बीच लगातार संपर्क पाए गए।जांच की दिशा बदलते ही पुलिस को पता चला कि लड़की को उसी के पिता और रिश्ते के चाचा ने रिश्तेदारी के घर खेड़ा गनेशपुर, मटसेना में छिपाकर रखा था। बेटी को सिखाई गई ‘स्क्रिप्ट’, थाने जाकर खास लोगों के नाम लेने थे जांच में पता चला कि कुंवरपाल और रमाकांत ने लड़की को पूरी कहानी समझाई थी।उसे बताया गया था कि थाने जाकर कहना है—गांव के दो लोगों ने रास्ते में उसका अपहरण किया, पांच दिन तक रखा और फिर मक्खनपुर में छोड़ दिया।इस झूठे आरोप का मकसद था उन्हीं लोगों पर दबाव बनाना, जिनके परिवार की किशोरी से दुष्कर्म के मामले में उसके बेटे की गिरफ्तारी हुई थी। दुष्कर्म केस में बेटा जेल में, उसी परिवार को फंसाने की चाल पुलिस के अनुसार जिन दो युवकों पर अपहरण का आरोप लगाया गया था, उनके परिवार की किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म के मामले में कुंवरपाल का बेटा पहले से ही जेल में बंद है।इसी रंजिश के चलते कुंवरपाल ने फर्जी अपहरण की कहानी गढ़ी ताकि पीड़ित परिवार पर सुलह का दबाव बनाया जा सके। पुलिस ने पिता और रिश्तेदार को भेजा जेल इंस्पेक्टर ऋषि कुमार ने बताया कि आरोपित कुंवरपाल और रमाकांत उर्फ रामू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।पुलिस ने साफ कहा—”पूरा मामला फर्जी अपहरण की साजिश था, बच्ची पूरी तरह सुरक्षित थी।”
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