गाजियाबाद में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में लापरवाही करने पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। बीएलओ ड्यूटी में लगे 21 कर्मचारियों जिनमें छह शिक्षक भी शामिल हैं, पर नायब तहसीलदार की ओर से सिहानीगेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाता गणना प्रपत्र लेने के निर्देश दिए गए थे। निर्वाचन अधिकारियों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13बी(2) के तहत बीएलओ की नियुक्ति की थी, लेकिन कई कर्मचारियों ने काम में लापरवाही बरती। 3089 बूथ-28 लाख से अधिक वोटर जिले में 3089 बूथ और 28 लाख से अधिक वोटर हैं। डीएम रविंद्र मांदड़ ने बताया कि अब तक 30% काम पूरा हुआ है और 27 तारीख तक पूरा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ बीएलओ ड्यूटी में लापरवाह मिले, इसलिए 21 लोगों पर केस दर्ज कराया गया है। डीएम ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक कर उन्हें अभियान में सहयोग के लिए कहा गया है। गाजियाबाद शहरी इलाका है और यहां किराएदार अधिक हैं, इसलिए सत्यापन चुनौतीपूर्ण है। अच्छा काम करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा। मतदाताओं से सहयोग की अपील डीएम ने कहा कि जहां लोग नहीं मिल रहे हैं, वहां पार्षदों की मदद ली जा रही है। उन्होंने अपील की कि सभी मतदाता आवश्यक फॉर्म प्राप्त कर उन्हें भरें। पिछले चुनाव में जहां वोट डाला था, वहां के विवरण से भी मदद मिल सकती है। निर्वाचन कार्यालय भी सहयोग करेगा। समय से काम पूरा करें, एफआईआर खत्म कर देंगे डीएम ने कहा कि बीएलओ में 1100 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल हैं और प्रशासन उनका सम्मान करता है। जिन पर केस दर्ज है, वे काम समय पर पूरा कर दें, हम एफआईआर समाप्त कर देंगे, स्कूलों के अभिभावकों को भी एसआईआर से जुड़े मैसेज भेजे जा रहे हैं। इन 21 कर्मचारियों पर केस दर्ज सुनीता शुक्ला, रेनू कुमारी, अनुराधा, अर्चना रानी, रीना शर्मा, चंद्रपाल सिंह, मिलिंद कुमार, मनीष सिसौदिया, दिग्विजय सिंह, अजय कुमार, विनिता, मुकेश गुप्ता, अंकित नागर, राकेश कुमार, सुशील कुमार, पीयूष शर्मा, अरुण कुमार, अनिल कुमार, शशि प्रभा, सीरीन फातमा, सुनीतापाल। इनमें सहायक अध्यापिका, शिक्षक और विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल हैं।
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