उत्तर प्रदेश में रोडवेज बस अड्डों को एयरपोर्ट मॉडल पर विकसित करने की बड़ी योजना बनाई गई है। लखनऊ में आयोजित ‘कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स क्षमता को अनलॉक करना’ कॉन्फ्रेंस में परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि नए बस टर्मिनल अब होटल, मॉल, मल्टी-मोडल लिंक और पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। उन्होंने दावा किया कि इस ट्रांसफ़ॉर्मेशन के साथ यूपी 2047 तक विकसित भारत के ढांचे को तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगा। एयरपोर्ट मॉडल पर बदलेंगे बस अड्डे मंत्री ने जानकारी दी कि बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर उन्नत किया जाएगा, जहां यात्रियों को होटल, शॉपिंग ज़ोन, मॉल और वर्ल्ड-क्लास वेटिंग एरिया जैसी सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में UP रोडवेज सिर्फ परिवहन नहीं, बल्कि “यात्री अनुभव” का नया मानक स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम अपने बेड़े और बुनियादी ढांचे में आमूल-चूल बदलाव कर रहा है, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में तेज सुधार होगा। मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी: एयरपोर्ट–रेलवे–रोडवेज एक साथ दयाशंकर सिंह ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का मुख्य एजेंडा मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। लक्ष्य है कि एयरपोर्ट, रेलवे और रोडवेज एक-दूसरे से सहज रूप से लिंक हों, ताकि यात्रियों को एक ही जगह पर बदलते हुए साधनों की निर्बाध सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि यूपी भविष्य में देश की लॉजिस्टिक्स रीढ़ बनने की क्षमता रखता है। सभी प्रमुख विभाग एक मंच पर कॉन्फ्रेंस में पीडब्ल्यूडी, रेलवे, सिविल एविएशन, ट्रैफिक और परिवहन विभाग के प्रतिनिधियों ने साझा मंच पर 2047 के भारत में यूपी की भूमिका और परिवहन ढांचे की जरूरतों पर मंथन किया। 2047 के विकसित भारत में प्रभारी भूमिका का दावा परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2047 का विकसित भारत लक्ष्य नहीं, बल्कि वास्तविकता बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां भी कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा, और यूपी का परिवहन नेटवर्क इस परिवर्तन में केंद्रीय भूमिका निभाएगा।
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