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केदारनाथ में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में नहीं था टेक्निकल फॉल्ट:AAIB की रिपोर्ट में खुलासा; पायलट का आखिरी मैसेज- ‘कुछ दिखाई नहीं दे रहा, मुड़ रहा हू’

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ वैली में जून में हुए हेलिकॉप्टर हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट​​​​​​ इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की अंतरिम रिपोर्ट जारी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक हेलिकॉप्टर में टेकऑफ के समय कोई तकनीकी समस्या नहीं थी और उड़ान सामान्य रूप से शुरू हुई थी। हादसे से ठीक पहले पायलट का आखिरी संदेश था- “कुछ दिखाई नहीं दे रहा, मुड़ रहा हू”। उसी समय घाटी का एग्जिट पॉइंट बादलों से पूरी तरह ढका हुआ था और विजिबिलिटी काफी कम थी। इसी बीच हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के पास क्रैश हो गया, जिसमें पायलट, पांच यात्री और एक बच्चे समेत 7 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हादसे की जांच में अमेरिका और कनाडा की एयर सेफ्टी एजेंसियां भी शामिल की गई हैं। विशेषज्ञ अभी इस हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए आगे की प्रक्रिया पर कार्य कर रहे हैं। केदारनाथ से लौटते समय हुआ था हादसा क्रैश होते ही हेलिकॉप्टर ने पकड़ी आग, 7 की मौत आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलिकॉप्टर (VT-BKA) 15 जून की सुबह केदारनाथ हेलीपैड से गुप्तकाशी के लिए निकला था। सुबह 5:35 बजे यह गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया और आग की चपेट में आ गया। हादसे में सभी सात लोग मारे गए, जिसमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से दो-दो, जबकि राजस्थान, उत्तराखंड और गुजरात से एक-एक व्यक्ति शामिल थे। रिपोर्ट साफ कहती है कि केदारनाथ से उड़ान भरते समय हेलिकॉप्टर में कोई असामान्यता नहीं थी। CCTV में भी देखा गया कि हेलिकॉप्टर सामान्य तरीके से घाटी में प्रवेश कर रहा था और निर्धारित ऊंचाई के अनुसार उड़ान भर रहा था। वैली का एग्जिट पॉइंट बादलों से भरा था जांच के दौरान CCTV फुटेज में दिखाई दिया कि उस वक्त घाटी का एग्जिट पॉइंट बादलों से पूरी तरह ढका था, और बादल लगातार नीचे की ओर बढ़ रहे थे। पीछे आ रहे दो हेलिकॉप्टर बादलों से बचने के लिए कम ऊंचाई पर जाकर सुरक्षित रूप से घाटी से बाहर निकल गए। पायलट 9,000 फीट ऊंचाई रख रहा था नियमों के अनुसार घाटी से बाहर निकलते समय हेलिकॉप्टर को 9,000 फीट ऊंचाई पर रहना होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि VT-BKA का पायलट इसी निर्धारित ऊंचाई पर एग्जिट पॉइंट की ओर बढ़ रहा था। उड़ान पथ में किसी गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले। हादसे से ठीक पहले की रेडियो कॉल AAIB के अनुसार VT-BKA के आगे उड़ान भर रहे VT-TBC हेलिकॉप्टर के पायलट ने बताया कि एग्जिट पॉइंट के पास पहुंचने पर VT-BKA के पायलट ने RT पर कहा- “एग्जिट पॉइंट पर बादल दिख रहे हैं…”इसके कुछ देर बाद दूसरी कॉल आई- “कुछ दिखाई नहीं दे रहा… मुड़ रहा हूं…”इसके बाद कोई रेडियो संदेश नहीं मिला। मलबे की जांच-तकनीकी खराबी के संकेत नहीं बेल हेलिकॉप्टर्स के तकनीकी सलाहकार ने देहरादून आकर मलबे का निरीक्षण किया। रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर क्षति टक्कर के बाद की है, यानी टकराव का प्रभाव। उड़ान के दौरान किसी तकनीकी फैलियर के संकेत अभी तक नहीं मिले हैं।


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