व्यवसायी महासंघ ने फुटपाथ दुकानदारों, सर्वेक्षित वेंडरों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों को लगातार हटाए जाने की कार्रवाई के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है। महासंघ ने घोषणा की है कि 3 दिसंबर को बिहार विधानसभा के समक्ष विशाल विरोध धरना आयोजित किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में फुटपाथ दुकानदार, ठेला-रेहड़ी संचालक और व्यापारी शामिल होंगे। सर्वेक्षित वेंडरों को भी उजाड़ा जा रहा इस संबंध में माले के आरा से सांसद एवं व्यवसायियों के नेता सुदामा प्रसाद ने बताया कि हाल के दिनों में पटना नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई पूरी तरह अन्यायपूर्ण और अवैध है। उनके अनुसार, जिन फुटपाथ दुकानदारों का विधिवत सर्वेक्षण हुआ है, जिन्हें नगर निगम ने वेंडिंग पहचान पत्र जारी किया है, और जिनके नाम पर प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 10,000 से 50,000 रुपये तक लोन स्वीकृत भी हुआ है, उन्हें भी अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यू मार्केट, महावीर मंदिर, वीणा सिनेमा, दक्षिण बुद्ध पार्क समेत शहर के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में सर्वेक्षित वेंडरों को उजाड़ दिया गया है। यह कार्रवाई स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेग्युलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) एक्ट का खुला उल्लंघन है। कमिश्नर से मिलकर कार्रवाई रोकने की मांग सुदामा प्रसाद ने बताया कि इस मुद्दे पर प्रतिनिधिमंडल ने आज पटना कमिश्नर से मुलाकात की और फुटपाथ दुकानदारों पर हो रही कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाने की मांग रखी गई। उन्होंने कहा कि बिना नोटिस ठेले जब्त करना, जुर्माना लगाना और दुकानों को उखाड़ना प्रशासन की मनमानी है। व्यवसायी महासंघ-फुटपाथ दुकानदारों ने सरकार-प्रशासन के सामने 5 मांग रखी 1. उजाड़े गए दुकानदारों के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। 2. सर्वेक्षित वेंडरों को बेदखल करने पर पूर्ण रोक लगे। 3. स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। 4. जब्त किए गए ठेले और सामान तुरंत लौटाए जाएं। 5. भविष्य में किसी भी कार्रवाई से पहले विधिसम्मत नोटिस और पुनर्वास अनिवार्य हो। धरना तैयारी को लेकर हुई बैठक, 8 जिलों के प्रतिनिधि शामिल आगामी विरोध कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर आज पूर्व विधायक आवास में महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें शंभू नाथ मेहता, फुटपाथ दुकानदार नेता शहजादे आलम सहित लगभग 8 जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि 3 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष शक्ति-प्रदर्शन किया जाएगा और दुकानदारों की आजीविका बचाने की लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा। व्यवसायी महासंघ ने साफ किया है कि जब तक वेंडरों को न्याय नहीं मिलता और अवैध बेदखली बंद नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
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