भदोही में गुरुवार को विद्युतकर्मियों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2025 और बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और बिल वापस लेने की मांग की। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, भदोही के संयोजक तुषार राय ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में लगातार 365वें दिन यह व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रहा। उन्होंने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को बंद करने तथा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2025 को वापस लेने की मांग की। कर्मचारियों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगाने और मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं को वापस लेने की भी मांग की। श्री राय ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2025 और उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों के आंदोलन का एक वर्ष पूरा होने पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया। आंदोलन की विस्तृत रणनीति तय करने के लिए 14 दिसंबर को दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई है। यह विरोध-प्रदर्शन दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक चला। पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का निर्णय एक वर्ष पूर्व घोषित किया गया था। इस मौके पर अवधेश कुमार पाल, अभिषेक प्रजापति, मनोज कुमार, कमलेश मौर्य, ज्योति प्रकाश, ब्रमदत्त पटेल, आनंद प्रकाश, अमित, भानु प्रताप, सत्यप्रकाश यादव, विवेक पटेल, इंदल मौर्य, दिलेंद्र पटेल, सागर श्रीवास्तव, धर्मेंद्र गुप्ता और इबरार अली सहित कई प्रमुख कर्मचारी मौजूद रहे।
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