महाराजगंज जिले की निचलौल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत भेड़िया में वित्तीय अनियमितता का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की कथित मिलीभगत से कई सरकारी भवनों पर एसीपी (ACP) कार्य के लिए लाखों रुपये का भुगतान तकनीकी स्वीकृति (टीएस) जारी होने से कई महीने पहले ही कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत भेड़िया में सचिवालय, तीन आंगनवाड़ी केंद्र (प्रथम, द्वितीय, तृतीय), अन्नपूर्णा भवन, एनएम सेंटर, मनरेगा पार्क के तीन गेट और प्राथमिक विद्यालय सहित विभिन्न सरकारी भवनों पर एसीपी कार्य दर्शाया गया था। इन सभी कार्यों के लिए एक संयुक्त अनुमान तैयार किया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति (टीएस) 13 नवंबर 2025 को जारी हुई। इस स्वीकृति के तहत कुल 8,02,000 रुपये की राशि मंजूर की गई थी। हालांकि, इस तकनीकी स्वीकृति से लगभग 10 महीने पहले ही पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने कुल 3,79,800 रुपये का भुगतान कर दिया था। यह भुगतान तीन अलग-अलग बिलों में किया गया, जिसमें 1,98,600 रुपये, 1,15,000 रुपये और 66,200 रुपये की राशियां शामिल थीं। ग्रामीणों के मुताबिक, यह पूरा भुगतान 25 जनवरी को बिना किसी बिल-वाउचर या आवश्यक दस्तावेज के किया गया, जो सीधे तौर पर वित्तीय नियमों का उल्लंघन है। नियमों के अनुसार, किसी भी पंचायत परियोजना का कार्य तभी शुरू हो सकता है जब उसका तकनीकी परीक्षण हो जाए, त्रिस्तरीय फोटोग्राफी पूरी हो, निर्माण कार्य समिति की देखरेख में हो और वास्तविक व्यय के आधार पर भुगतान की प्रक्रिया अपनाई जाए। भेड़िया पंचायत में इन सभी निर्धारित प्रावधानों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से धनराशि निकाल ली गई। इस मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) श्रेया मिश्रा ने बताया कि संबंधित दोषियों को नोटिस जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि जांच में दोषी पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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