बांग्लादेश की राजधानी ढाका की सबसे बड़ी झुग्गी-झोपड़ी बस्ती कोराइल में मंगलवार शाम को इतनी भयानक आग लगी की इसे बुझाने में 16 घंटे से ज्यादा लग गए। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, यह आग खाना बनाते समय एक सिलेंडर के फटने से लगी थी। बस्ती के संकरी होने के कारण आग तेजी से एक से दूसरे घर तक फैली। वहीं, पतली गलियों के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अंदर तक नहीं पहुंच पाईं। जिससे आग पर काबू पाने में देरी हुई। इस आग ने 1500 घरों को जलाकर खाक कर दिया। इसके कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं। फायर ब्रिगेड के अधिकारी राशेद बिन खालिद ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मंगलवार शाम शुरू हुई आग पर बुधवार दोपहर के बाद काबू पाया गया। कोराइल बस्ती 160 एकड़ में फैली हुई है। यहां करीब 80 हजार लोग रहते हैं। घायलों और मृतकों की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। हादसे की 10 तस्वीरें… पीड़ित बोले- आंखों के सामने सब कुछ जलकर राख हो गया कोराइल झुग्गी बस्ती में इससे पहले 2017 में भी भयंकर आग लगी थी। स्थानीय जहांरा बीबी ने रोते हुए कहा, “फिर सब खत्म हो गया। मेरे पति की छोटी-सी खाने की दुकान भी जल गई।” एक और पीड़ित अलीम ने बताया, “मेरी आंखों के सामने सब कुछ जलकर राख हो गया। मैं कुछ कर नहीं सका। अब दिमाग भी काम नहीं कर रहा कि आगे क्या करें।” यहां लोग रात भर अपनी जल चुकी झोपड़ी के सामने परिवार के साथ खुले आसमान के नीचे ठंड में बैठे रहे। यहां राहत कार्य शुरू किए गए हैं। ढाका महानगर उत्तर कमेटी खाना बांट रही है। जमात-ए-इस्लामी और आलो हेल्थ क्लिनिक ने दवाइयां और इलाज मुहैया कराया। कई गर्भवती महिलाओं को अस्पताल भेजा गया। इनमें से एक ने गुरुवार सुबह बच्चे को जन्म दिया है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… हॉन्गकॉन्ग में 77 साल में सबसे भीषण आग: 65 मौतें, 8 बहुमंजिला इमारतें जलीं, 280 अभी भी लापता, ठेकेदार समेत 3 गिरफ्तार हॉन्गकॉन्ग के ‘ताई पो’ जिले में बुधवार को एक बड़े रिहायशी कॉम्प्लेक्स में आग लग गई। यह 77 साल में लगी सबसे भीषण आग बताई जा रही है। इस हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 76 गंभीर रूप से घायल हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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