मेरठ के सिविल लाइन्स थाने में एक अनोखा मामला दर्ज किया गया है, जिसमें कनाडा में मृत एक लेफ्टिनेंट कर्नल के नाम पर फर्जीवाड़ा कर मुआवजा हड़पने का आरोप है। यह मुआवजा 1996 में एक फर्जी व्यक्ति को लेफ्टिनेंट कर्नल बताकर जारी किया गया था, जबकि असली लेफ्टिनेंट कर्नल का निधन 1983 में ही हो चुका था। लेफ्टिनेंट कर्नल रोशनलाल शाही 1981 में अपनी जमीन बेचकर कनाडा चले गए थे। उनका निधन 1983 में कनाडा में ही हो गया था। इसके बावजूद, उनकी मृत्यु के 13 साल बाद, 1996 में उनकी जमीन के मुआवजे का भुगतान किया गया। इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन एडीएम-एलए पुष्पपति सक्सेना, लेखपाल कृष्णपाल सिंह, डीलिंग बाबू राजेंद्र शर्मा और एक अज्ञात फर्जी व्यक्ति शामिल थे। इन सभी ने मिलकर सांठगांठ से मृत लेफ्टिनेंट कर्नल के नाम पर मुआवजा हड़प लिया। शिकायतकर्ता एडवोकेट राजा सिंह ने इस मामले को मुख्यमंत्री पोर्टल और न्यायालय के आदेश पर उठाया। इसके बाद, सिविल लाइन थाने में सेवानिवृत्त एडीएम, लेखपाल, डीलिंग बाबू और फर्जी कर्नल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
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